चंडीगढ़, 19 नवंबर . हरियाणा कर्मचारी रोजगार निगम यानी एचकेआरएन के जरिए नौकरी पर लगे कर्मचारियों पर हरियाणा सरकार ने विधानसभा में एक बिल पेश किया है. इस पर राज्य के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने खुशी जताई है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा,“विधानसभा में बिल के माध्यम से उन सभी कर्मचारियों की नौकरी को सुरक्षित किया गया, जिन्हें चुनाव से पहले हरियाणा कर्मचारी रोजगार के माध्यम से नियुक्त किया गया था. पहले ये कर्मचारी अस्थायी थे, और उन्हें स्थायी नौकरी नहीं मिलती थी. कभी एक-दो हजार रुपये मिलते थे, लेकिन उनके पास स्थायित्व नहीं था, क्योंकि वे ठेकेदारों के अधीन काम कर रहे थे. अब उन्हें स्थायी नौकरी और बेहतर सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिससे उनकी स्थिति अब बेहतर हो गई.”
उन्होंने आगे कहा,“विपक्ष ने बार-बार इस बिल को चयन समिति के पास भेजने की मांग की थी, जो एक सामान्य प्रक्रिया है. विपक्ष का यह काम है, और इसमें कोई गलत बात नहीं है. ऐसा होना चाहिए, यह उनकी भूमिका का हिस्सा है.”
इसके बाद उन्होंने हरियाणा में पराली की घटनाओं की जानकारी देते हुए बताया,“अगर हम आंकड़ों की बात करें तो 857 मामले आए, जिनमें से 457 के करीब मामलों को सही पाया गया. ये मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े थे, और उनमें से 273 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई और 8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. यह आंकड़ा पिछली बार से कम है, क्योंकि पहले ऐसे मामले ज्यादा थे, और हर बार इनकी संख्या घट रही है. इसके अलावा, पराली तो खाद का काम करती है. पराली का काम खेतों में खाद डालने और कृषि कार्य में मदद करना है. किसान अब पराली का उपयोग खेतों में ले रहे हैं. न कि उन्हें जलाने के लिए. पराली का उपयोग कृषि कार्यों में बढ़ रहा है, जिससे खेतों की उर्वरता और कृषि उत्पादकता में वृद्धि हो रही है.”
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