नई दिल्ली, 4 नवंबर . भारत में बिजली की मांग अक्टूबर में सालाना आधार पर 0.4 प्रतिशत बढ़कर 140 अरब यूनिट्स (बीयू) हो गई है. इसमें बीते दो महीने से गिरावट देखी जा रही थी. सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
मार्केट इंटेलिजेंस और एनालिटिक्स फर्म क्रिसिल द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि बीते महीने ऊर्जा की मांग के साथ उत्पादन 4.2 प्रतिशत बढ़कर 152 बिलियन यूनिट्स (बीयू) हो गया है.
मानसून के समाप्त होने के साथ ही उत्तरी और पूर्वी राज्यों में बिजली की मांग में क्रमश: 13 प्रतिशत और 4 प्रतिशत का सालाना आधार पर इजाफा हुआ है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दक्षिणी क्षेत्र, जहां अक्टूबर और दिसंबर के बीच उत्तर-पूर्वी मानसून आता है, वहां बिजली की मांग में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की गिरावट आई है.
हाइड्रो, न्यूक्लियर और रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली उत्पादन सालाना आधार पर क्रमश: 43 प्रतिशत, 6 प्रतिशत और 1 प्रतिशत बढ़ा है.
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में कोयला ऊर्जा उत्पादन का मुख्य आधार बना हुआ है. वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में निर्धाब बिजली की आपूर्ति के लिए पावर प्लांट्स तक कोयले की पहुंच सालाना आधार पर 4 प्रतिशत बढ़ी है. इसके कारण कोयला के स्टॉक में इजाफा हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 31 अक्टूबर, 2024 तक थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले का स्टॉक 35 मिलियन टन (एमटी) था, जो कि पिछले साल समान अवधि में 21 एमटी था.
पावर प्लांट्स के पास इस वर्ष कोयले का स्टॉक अधिक है. 31 अक्टूबर को पावर प्लांट्स के पास पिछले साल के आठ दिनों की तुलना में 12 दिनों का कोयला स्टॉक था. उच्च कोयला स्टॉक का एक अन्य कारण सरकार द्वारा अप्रैल में यह आदेश देना है कि आयातित कोयला-आधारित (आईसीबी) पावर प्लांट्स 15 अक्टूबर, 2024 तक पूरी क्षमता पर चलेंगे.
अक्टूबर में बिजली उत्पादन में हाइड्रो पावर की हिस्सेदारी बढ़कर 11 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले साल समान अवधि में 8 प्रतिशत थी. ऊर्जा उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से घटकर 73 प्रतिशत रह गई है.
वित्त वर्ष 25 में अप्रैल-अक्टूबर के बीच सालाना आधार पर बिजली की मांग में अनुमानित 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
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एबीएस/एबीएम