New Delhi, 8 अक्टूबर . चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और जम्मू-कश्मीर के साथ छह राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों की तिथि 6 अक्टूबर को घोषित की. अब Wednesday को आयोग ने बुजुर्ग मतदाताओं, दिव्यांग मतदाताओं और सेवा में लगे मतदाताओं के लिए मतदान को आसान बनाने के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा उपलब्ध कराने का ऐलान किया है.
चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के सेक्शन 60 (सी) के तहत 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और बेंचमार्क दिव्यांगता वाले मतदाताओं को घर बैठे मतदान करने की अनुमति दी है. ऐसे मतदाता फॉर्म 12डी भरकर अपने बीएलओ (ब्लॉक लेवल अधिकारी) को पांच दिन के भीतर जमा कर सकते हैं. मतदान के दिन पोलिंग टीमें उनके घर पहुंचकर वोटिंग कराएंगी.
इसके अलावा, जो मतदाता चुनाव के दिन अपनी सेवाओं में व्यस्त होंगे, वे भी पोस्टल बैलट का उपयोग कर सकते हैं. इसमें अग्निशमन सेवा, स्वास्थ्य सेवा, बिजली, यातायात, एम्बुलेंस, विमानन, और दूरस्थ Governmentी रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन जैसी आवश्यक सेवाएं शामिल हैं. इन मतदाताओं को अपने विभाग के नोडल अधिकारी के माध्यम से पोस्टल बैलट के लिए आवेदन करना होगा.
चुनाव आयोग ने मीडिया कर्मियों को भी आवश्यक सेवा से जुड़े मतदाता माना है, इसलिए जो पत्रकार चुनाव कवरेज के लिए अधिकृत हैं, वे भी पोस्टल बैलट सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
सेवा मतदाताओं को उनकी मतदान सामग्री इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस) के जरिए भेजी जाएगी. सेवा मतदाता को इस सेवा का कोई खर्च नहीं देना होगा.
चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर और जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे Political दलों और उम्मीदवारों को इन सभी नियमों के बारे में पूरी जानकारी दें ताकि सभी को इस सुविधा का लाभ मिल सके.
चुनाव आयोग की यह पहल लोकतंत्र को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
चुनाव आयोग ने जनता से अपील की है कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं और अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें.
–
वीकेयू/डीएससी