New Delhi, 2 अगस्त . कांग्रेस सांसद और Lok Sabha के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनाव आयोग पर लगातार ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए जा रहे हैं. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया फैक्ट चेक ने एक बार फिर उनके बयान को भ्रामक और निराधार बताया है.
राहुल गांधी के बयान के जवाब में चुनाव आयोग फैक्ट चेक ने कहा कि Lok Sabha 2024 के लिए मतदाता सूची तैयार करते समय मसौदा और अंतिम दोनों सूचियां कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थीं और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 के तहत अपील योग्य थीं.
कांग्रेस द्वारा सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शायद ही कोई अपील दायर की गई हो. Lok Sabha 2024 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 80 के तहत कांग्रेस के हारने वाले उम्मीदवारों द्वारा केवल 8 चुनाव याचिकाएं दायर की गईं.
ईसीआई फैक्ट चेक ने कहा कि राहुल गांधी ने बार-बार निराधार और भ्रामक आरोप लगाए हैं, जिनमें ‘वोट चोरी’ जैसे निराधार दावे भी शामिल हैं. उन्होंने देश भर के लाखों मेहनती चुनाव अधिकारियों को धमकाया है. ऐसा प्रतीत होता है कि इन निराधार आरोपों का उद्देश्य उनकी निष्पक्ष और पारदर्शी मेहनत को बदनाम करना, चुनाव मशीनरी पर अनुचित दबाव डालना, और यहां तक कि मतदाता सूची के विरुद्ध अपील या कानून के अनुसार चुनाव संचालन के विरुद्ध कोई आवेदन दायर किए बिना ही उन्हें धमकाना है.
हालांकि, जब चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को 12 जून 2025 को बातचीत के लिए आमंत्रित किया, तो अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
बता दें कि कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि Lok Sabha चुनाव की चोरी कैसे होती है? 6.5 लाख मतदाताओं में से हमें 1.5 लाख मतदाता फर्जी मिले. ये सब दस्तावेजों में दर्ज हैं, जो हमें चुनाव आयोग से फिजिकल दस्तावेज मिले थे. भारत में चुनाव सिस्टम डेड है. हमें शक है कि यह संख्या 70 से 100 के आसपास है. अगर 15 सीटों पर धांधली नहीं हुई होती तो वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं होते. हम आपको साबित कर देंगे कि Lok Sabha में धांधली हो सकती है और हुई भी थी. जो संस्था इसे रखती है, बचाती है, उस पर कब्जा कर लिया गया है. अब मेरे पास 100 प्रतिशत सबूत हैं.
–
डीकेपी/