चुनाव आयोग ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया

इम्फाल, 5 अप्रैल . चुनाव आयोग ने जातीय हिंसा से बुरी तरह प्रभावित मणिपुर में मतदान प्रतिशत ऊंचा बनाए रखने और चुनाव प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए शुक्रवार को एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया.

राज्य की दो लोकसभा सीटों, आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर, के लिए पहले दो चरणों में क्रमशः 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान होगा. वोटों की गिनती 4 जून को होगी.

चुनाव अधिकारियों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 83.16 प्रतिशत मतदान हुआ था. विधानसभा के लिए 2022 में 89.3 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जो 2017 के 86.4 प्रतिशत और 2012 के 79.5 प्रतिशत से अधिक है.

लाम्फेलपत में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से शुरू किए गए हस्ताक्षर अभियान का उद्देश्य सभी पात्र मतदाताओं, विशेष रूप से युवाओं को बिना किसी डर के स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से बड़ी संख्या में वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करना है.

एक चुनाव अधिकारी ने कहा कि नैतिक, सूचित, समावेशी और सुलभ मतदान को बढ़ावा देने के लिए कई मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से सीविजिल आदि जैसे एप्लिकेशन्स पर विभिन्न रचनात्मक अभियान और व्याख्याता वीडियो लॉन्च किए गए हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि मतदाताओं को सशक्त बनाने की जानकारी वाले बड़े होर्डिंग और पोस्टर पूरे मणिपुर में रणनीतिक स्थानों पर लगाए गए हैं.

आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अन्य चीजों के अलावा टीवी/रेडियो वार्ता और जिंगल्स का भी सहारा लिया गया है.

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