कोलकाता, 17 अगस्त . विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने Sunday को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. India के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयोग की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा है कि हम सभी Political दलों के साथ समान व्यवहार करते हैं.
टीएमसी सांसद डोला सेन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक और स्वायत्त संस्था है. India के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जो बातें कही हैं, वो केवल सुनने में अच्छी हैं, लेकिन सच्चाई देश की जनता जानती है. बीते कुछ सालों से चुनाव आयोग जिस तरह से काम कर रहा है, उससे साफ तौर पर लगता है कि वो भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी संगठन की तरह काम कर रहा है. भाजपा के लोग चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को अपनी पार्टी का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने आगे कहा कि कभी कहा जा रहा है कि एपिक कार्ड नहीं चलेगा, फिर कहा जा रहा है कि आधार भी मान्य नहीं. अब जन्म प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है. एनआरसी, सीएए और एनपीआर थोपने की कोशिश हो रही है. जिनका जन्म अस्पताल में हुआ ही नहीं, उनका क्या होगा? एक साल पहले जिस मतदाता सूची के आधार पर केंद्र Government बनी, अब अगर कहा जा रहा है कि उसमें ‘घुसपैठिए’ हैं, तो पहले उन्हें ही इस्तीफा देना चाहिए. Supreme court ने भी आधार कार्ड को मान्यता दी है, ऐसे में हम चुनाव आयोग से लोकतांत्रिक लोकाचार की उम्मीद करते हैं.
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि चुनाव आयोग ने राजद और कांग्रेस के नेताओं को कड़ा जवाब दिया है, जो अशांति फैला रहे थे. जो नाम इकट्ठे होने थे, वो इकट्ठे हो गए हैं, और अगर कोई नाम अभी भी लंबित है तो फॉर्म जमा करने के लिए अभी भी समय है. चुनाव आयोग ने साफ किया है कि वो पक्ष और विपक्ष नहीं देखते, सभी Political दल उनके लिए समान हैं, और सबके साथ वो एकसमान व्यवहार करते हैं. जिस तरह से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चुनाव आयोग पर हमला कर रहे हैं, वो दुर्भाग्यपूर्ण है.
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एकेएस/एबीएम