New Delhi, 1 अगस्त . Lok Sabha के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए जा रहे हैं. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को भ्रामक, तथ्यहीन और धमकाने वाला बताया.
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें लिखा है कि वोट चोरी करने वाले याद रखें, बख्शा नहीं जाएगा. चुनाव आयोग फैक्ट चेक ने इस बयान को भ्रामक या गुमराह करने वाला बताया. ईसीआई फैक्ट चेक ने तथ्य पेश करते हुए कहा कि कर्नाटक में Lok Sabha चुनाव के दौरान निर्वाचक नामावली तैयार करने में 31 डीईओएस, 419 ईआरओ और एईआरओ, 58,834 बीएलओ के अतिरिक्त सभी राजनीतिक दलों के सभी बीएलए ने अहम भूमिका निभाई.
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की फैक्ट चेक टीम ने कहा कि निर्वाचक नामावली का प्रारूप तथा अंतिम सूची ईएनसी (कांग्रेस) सहित सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थी, अंतिम निर्वाचक नामावली के विरुद्ध एक भी अपील दाखिल नहीं की गई. कर्नाटक सीईओ ने निर्वाचक नामावली को कांग्रेस के साथ साझा करने की तिथियों की जानकारी पहले ही साझा की है.
उन्होंने कहा कि Lok Sabha 2024 चुनाव को संपन्न कराने में 2,82,648 पॉलिंग ऑफिसर्स तथा पीठासीन अधिकारियों, 28 आरओएस, 259 एआरओ, 113 आर्ब्जवर तथा 4,230 काउंटिंग सुपरवाइजर और 4,230 काउंटिंग असिस्टेंट ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कराया. Lok Sabha चुनाव 2024 आज से एक वर्ष से अधिक समय पूर्व सम्पन्न हुए थे. चुनाव परिणामों के विरुद्ध कुल 10 इलेक्शन पिटिशन दायर की गई, लेकिन इनमें से एक भी याचिका किसी भी हारे हुए कांग्रेस उम्मीदवार द्वारा दायर नहीं की गई, जबकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 80 के अंतर्गत चुनाव परिणामों को चुनौती देने का वैधानिक अधिकार कांग्रेस के उम्मीदवारों को उपलब्ध था.
ईसीआई फैक्ट चेक ने कहा कि अब एक साल बाद लाखों चुनाव कर्मियों पर बेबुनियाद आरोप लगाना, बार-बार डराना-धमकाना और वोट चोरी जैसे शब्दों का उपयोग करना एक बेहद गैर-जिम्मेदाराना तरीका है. समय रहते विधिक प्रावधानों का उपयोग न करना और फिर बाद में इस प्रकार मीडिया के समक्ष बयान देना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
इससे पहले कांग्रेस द्वारा शेयर किए गए वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि इलेक्शन कमीशन वोट चोरी में शामिल है. मैं 100 प्रतिशत प्रूफ के साथ बोल रहा हूं. हमें मध्य प्रदेश में संदेह था. Lok Sabha चुनाव में संदेह था. महाराष्ट्र में थोड़ा और बढ़ा. स्टेट लेवल पर हमें लगा कि यहां वोट की चोरी हुई है. एक करोड़ वोटर जोड़े गए थे. फिर हम डिटेल में गए. चुनाव आयोग मदद नहीं कर रहा है तो हमने अपना ही इन्वेस्टिगेशन करवाया, उसमें 6 महीने लगे. जो हमें मिला है, वो एटम बम है. चुनाव आयोग में जो भी ये काम कर रहे हैं, आप एक बात याद रखें, हम आपको छोड़ेंगे नहीं. कुछ भी हो जाए, हम आपको छोड़ेंगे नहीं, क्योंकि आप हिंदुस्तान के खिलाफ काम कर रहे हो. आप याद रखिए, आप कहीं भी हो, रिटायर्ड हो, कुछ भी हो, हम आपको ढूंढ कर निकालेंगे.
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डीकेपी/जीकेटी