अरविंद केजरीवाल के ‘आप’ कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के आरोपों का चुनाव आयोग ने क‍िया खंडन

नई दिल्ली, 2 फरवरी . दिल्ली चुनाव आयोग ने रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान उनके कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और धमकी देने के आरोपों पर जवाब दिया.

नई दिल्ली के जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) ने बताया कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली. हालांकि, जब भी किसी राजनीतिक पार्टी से इस प्रकार की लिखित शिकायत प्राप्त होती हैं, तो अनिवार्य रूप से उसकी जांच की जाती है और कानून एवं चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाती है.

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में 7 जनवरी 2025 से अब तक 115 शिकायतों पर कार्रवाई की गई है और उन पर 100 मिनट के भीतर ध्यान दिया गया है, जैसा कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया. इसके अलावा, अब तक 36 लाख रुपये की नकदी, 144 लीटर शराब, 8.9 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स, 1.22 करोड़ रुपये के कीमती धातु और 97 लाख रुपये मूल्य के अन्‍य सामानों की जब्ती की गई है.

चुनाव आयोग ने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली भर में 6,028 शिकायतों पर 100 मिनट के भीतर कार्रवाई की गई है और 38.72 करोड़ रुपये की नकदी, 1.32 लाख लीटर शराब, 88.40 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स, 81.05 करोड़ रुपये के कीमती धातु और 5.53 करोड़ रुपये के अन्य सामानों की जब्ती की गई है. इसके अलावा, दिल्ली के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में 642 फ्लाइंग स्क्वॉड और 633 स्थैतिक सर्विलांस टीमें तैनात की गई हैं.

चुनाव आयोग आगे बताया कि 15 फ्लाइंग स्क्वॉड और 9 स्थैतिक सर्विलांस टीमों को तैनात किया गया है. इसके अलावा, स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के मुद्दे पर चुनाव आयोग ने कहा कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सामान्य पर्यवेक्षक, व्यय पर्यवेक्षक और पुलिस पर्यवेक्षक पहले से ही तैनात किए गए हैं, जिसमें नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल है.

आयोग ने यह स्पष्ट किया कि सभी राजनीतिक दलों को प्रचार करने का स्वतंत्र अधिकार है और यदि किसी भी कार्यकर्ता द्वारा धमकी या उत्पीड़न की शिकायत मिलती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, अगर चुनाव प्रक्रिया में किसी भी कर्मचारी, पुलिस या कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत मिलती है, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

चुनाव आयोग ने आगे कहा कि मुफ्त और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील और महत्वपूर्ण मतदान केंद्रों को पहले ही पहचान लिया गया है और वहां चुनाव के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं.

पीएसके/