यूपी में पहले चरण का चुनाव प्रचार थमा, आठ सीटों पर कई बड़ी हस्तियों के भाग्य का फैसला

लखनऊ, 17 अप्रैल . लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को है. इसको लेकर बुधवार की शाम 6 बजे प्रचार थम गया. पहले चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान होगा. इस चरण में कई राजनीतिक हस्तियों की परीक्षा होगी.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि मतदान की समाप्ति तक किसी भी प्रकार की चुनाव प्रचार संबंधी गतिविधियां संचालित नहीं होगी. सभी राजनीतिक दलों के बाहरी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की निर्वाचन क्षेत्र में मौजूदगी प्रतिबंधित रहेगी. मतदान समाप्त होने से 48 घंटे पहले यानी 17 अप्रैल शाम छह बजे तक ही प्रचार का समय निर्धारित किया गया था.

पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (सु.), मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत लोकसभा क्षेत्रों में वोटिंग होनी है. ‘इंडिया’ गठबंधन ने आठ में से सात सीटों पर सपा और एक सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी उतारा है.

इसी तरह, एनडीए की ओर से सात सीटों पर भाजपा और एक सीट पर रालोद का प्रत्याशी है. बसपा ने सभी आठ सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. शुक्रवार के मतदान में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान, योगी सरकार में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, कैराना से भाजपा सांसद प्रदीप चौधरी, बिजनौर से एनडीए प्रत्याशी के रूप में उतरे मीरापुर के रालोद विधायक चंदन चौहान और नगीना से बतौर भाजपा प्रत्याशी ताल ठोंक रहे नहटौर के विधायक ओम कुमार शामिल हैं.

पहले चरण की सीटों पर इस बार समीकरण बदला हुआ है. पिछले दो चुनाव से सपा के साथ मिलकर लड़ रही रालोद इस बार भाजपा के साथ है. बसपा अकेले ही मैदान में उतरी हुई है.

पीलीभीत से भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काट कर यूपी सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार मैदान में हैं. बसपा ने अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू पर दांव लगाया है. वरुण गांधी 2019 में यहां से बड़े अंतर से जीत दर्ज कर चुके हैं. सहारनपुर सीट पर सत्तारूढ़ भाजपा ने राघव लखनपाल पर अपना दांव लगाया है. कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद हैं. बसपा ने यहां से माजिद अली को उतारा है.

यह सीट 2019 के चुनाव में बसपा के खाते में थी. यहां से हाजी फजीलुर रहमान ने बसपा के टिकट से जीत हासिल की थी. मुरादाबाद में इंडिया गठबंधन सपा की तरफ से रुचि वीरा उम्मीदवार हैं. भाजपा ने सर्वेश सिंह, बसपा ने इरफान सैफी को अपना प्रत्याशी बनाया है. सपा ने मौजूदा सांसद एस.टी. हसन को पहले उतारा, और फिर उनका टिकट काट दिया. यह सीट 2019 में सपा के खाते में थी. रामपुर सीट पर इस बार आजम खान का कोई दखल नहीं है. सपा ने इस बार उनकी पसंद का उम्मीदवार भी नहीं उतारा है.

भाजपा ने घनश्याम लोधी पर दांव खेला है. सपा ने इस बार रामपुर से दिल्ली के इमाम मोहिबुल्ला नदवी पर दांव लगाया है. बसपा ने जीशान खान को टिकट दिया है. इस सीट से 2019 में सपा के कद्दावर नेता आजम चुनाव जीते थे, लेकिन उन्हें सजा हो जाने के बाद सीट छोड़नी पड़ी. उप चुनाव में भाजपा के घनश्याम लोधी ने यहां से चुनाव जीत लिया था. इस बार सीट बरकरार रखने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ दो बार यहां प्रचार के लिए आ चुके हैं.

कैराना सीट से भाजपा ने प्रदीप चौधरी, सपा ने इकरा हसन और बसपा ने श्रीपाल राणा को उतारा है. कैराना से सपा प्रत्याशी इकरा हसन कैराना के पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी और कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन की छोटी बहन हैं. इकरा हसन की मां भी सांसद रह चुकी हैं. भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी 2019 में चुनाव लड़े थे और बड़ी जीत हासिल की थी. इस सीट पर बसपा ने लड़ाई को त्रिकोणीय बना रखा है.

मुजफ्फरनगर में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को तीसरी बार मौका दिया है. सपा ने हरेंद्र मलिक और बसपा ने दारा सिंह प्रजापति पर दांव लगाया है. बिजनौर सीट भाजपा ने रालोद के खाते में दे रखी है. यहां से रालोद ने अपने विधायक चंदन चौहान को उतारा है. सपा ने दीपक सैनी और बसपा ने चौधरी विजेंद्र सिंह को टिकट दिया है. यहां से 2019 में बसपा के मालूक नागर ने सपा-बसपा के गठबंधन से चुनाव जीता था. नगीना सीट पर भाजपा, सपा, बसपा और आजाद पार्टी ने मुकाबले को काफी कड़ा कर रखा है. भाजपा ने ओमकुमार, सपा ने मनोज कुमार और बसपा ने सुरेंद्र पाल सिंह को उतारा है. आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर पहले सपा के साथ उतरने वाले थे. बाद में वह अकेले दम पर हाथ आजमा रहे हैं.

विकेटी/एबीएम/एकेजे