तमिलनाडु : मासिक धर्म के कारण आठवीं की छात्रा को क्लास के बाहर परीक्षा देने के लिए मजबूर किया गया, जांच के आदेश

चेन्नई, 10 अप्रैल . कोयंबटूर जिले के एक निजी स्कूल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. आठवीं की एक छात्रा को उसके मासिक धर्म के कारण कथित तौर पर कक्षा से बाहर बैठकर परीक्षा देने के लिए मजबूर किया गया.

यह घटना पोलाची के पास सेनगुट्टईपलायम में स्थित एक स्कूल में हुई. लड़की की मां द्वारा रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में दिखाया गया कि छात्रा परीक्षा देने के लिए कक्षा के बाहर सीढ़ियों पर बैठी थी. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद अधिकारियों ने जांच शुरू की.

सूत्रों के अनुसार, छात्रा की इस सप्ताह दो परीक्षाएं थीं. उसके माता-पिता ने परीक्षा के दौरान उसकी मासिक धर्म की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे आराम देने के लिए अलग डेस्क की मांग की थी.

इसके बावजूद, सोमवार को लड़की को कक्षा के बाहर फर्श पर बैठने के लिए मजबूर किया गया. बुधवार को जब लड़की दूसरी परीक्षा के लिए स्कूल आई, तो उसके माता-पिता ने उसे फिर से कक्षा के बाहर बैठा पाया.

मां द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो में छात्रा यह कहती हुई सुनाई दे रही है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने उसे वहां बैठने का निर्देश दिया था. मैट्रिकुलेशन स्कूलों के निदेशक ए. पलानीसामी ने पुष्टि की कि मुख्य शैक्षिक अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा गया है और रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.”

सहायक पुलिस अधीक्षक सृष्टि सिंह ने गुरुवार को जांच शुरू की. उन्होंने बताया कि छात्रा की मां ने 6 अप्रैल की शाम को कक्षा शिक्षक से संपर्क कर विशेष सीट की व्यवस्था का अनुरोध किया था, लेकिन उन्हें प्रिंसिपल से बात करने के लिए कहा गया.

अगले दिन 7 अप्रैल को अपनी बेटी को स्कूल छोड़ते समय मां ने प्रिंसिपल से मुलाकात की और संक्रमण के खतरे को रोकने के लिए अलग बैठने की व्यवस्था का अनुरोध किया. मां के चले जाने के बाद छात्रा को कक्षा के बाहर बैठा दिया गया. उस शाम लड़की ने कठोर सतह पर बैठने से पैर में दर्द की शिकायत की. अगले दिन वह स्कूल नहीं गई, लेकिन बुधवार को वापस स्कूल आने पर फिर से वही स्थिति सामने आई.

एक रिश्तेदार ने उसे बाहर बैठे देखा तो परिवार को इसकी सूचना दी, जिसके बाद उसकी मां तुरंत स्कूल पहुंची और वीडियो बना लिया. वीडियो अब वायरल हो रहा है. हालांकि, अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन अधिकारियों ने शिकायत मिलने पर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है.

इस बीच, स्कूल के कॉरेस्पॉन्डेंट ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 17 के तहत प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है. यह धारा बच्चों को शारीरिक या मानसिक रूप से परेशान करने की घटनाओं पर रोक लगाती है.

एफजेड/एकेजे