अफगानिस्तान में ‘लापरवाह’ पाक हवाई हमलों में आठ नागरिकों की मौत, क्षेत्र में तनाव बढ़ा

नई दिल्ली, 18 मार्च . पाकिस्तान द्वारा सोमवार को अफगानिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई हमले से दक्षिण एशिया के इस क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. हमले में कथित तौर पर तीन बच्चों सहित कम से कम आठ नागरिक मारे गए.

खोस्त और पक्तिका प्रांतों में हवाई हमलों की पुष्टि करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि “ऐसी घटनाओं के बहुत बुरे परिणाम हो सकते हैं जो पाकिस्तान के नियंत्रण से बाहर होंगे”.

टोलो न्यूज के मुताबिक, तालिबान ने कहा कि उन्होंने इन हमलों का जवाब दिया है और भारी हथियारों से पाकिस्तानी सैन्य केंद्रों को निशाना बनाया है.

मुजाहिद ने कहा कि बमबारी स्थानीय समय के अनुसार तड़के लगभग 3 बजे शुरू हुई और पक्तिका प्रांत के बरमल जिले और खोस्त प्रांत के सेपेरा जिले के अफगान दुबई क्षेत्र में नागरिकों के घरों को निशाना बनाया गया.

उन्होंने “लापरवाह कार्रवाई” को अफगानिस्तान के क्षेत्र का उल्लंघन बताते हुए कहा कि “पाकिस्तान को अपने क्षेत्र में नियंत्रण की कमी, अक्षमता और समस्याओं के लिए अफगानिस्तान को दोष नहीं देना चाहिए”.

कथित तौर पर हवाई हमले पिछले सप्ताह खैबर पख्तूनख्वा के मीर अली क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के हमले के जवाब में किये गये हैं. हमले में एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक कैप्टन सहित सात सैनिक मारे गए थे, जिसकी पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने निंदा की थी.

जवाबी कार्रवाई की कसम खाते हुए राष्ट्रपति जरदारी ने कहा था, “पाकिस्तान ने तय किया है कि जो कोई भी हमारी सीमा, घर या देश में घुसकर आतंक करेगा, हम उसे कड़ा जवाब देंगे, चाहे वह कोई भी हो या किसी भी देश का हो.”

इस बीच, पाकिस्तान में कई मीडिया आउटलेट्स ने बताया कि टीटीपी कमांडर अब्दुल्ला शाह पाकिस्तानी हवाई हमलों में मारा गया है. मुजाहिद ने बयान में कहा: “अब्दुल्ला शाह नाम का व्यक्ति, जिसके बारे में पाकिस्तानी पक्ष का दावा है कि इस घटना में उसे निशाना बनाया गया था, वह पाकिस्तान में है.”

यह तब हुआ जब एक्स पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक व्यक्ति खुद को शाह बताते हुए कह रहा है: “मेरे खिलाफ जो भी प्रचार किया जा रहा है वह निराधार है.”

टीटीपी, जिसे पाकिस्तान तालिबान के नाम से भी जाना जाता है, 2007 में सक्रिय हो गया और अफगानिस्तान के साथ खुली सीमा के उस पार से ऑपरेट करता है, भले ही तालिबान उन्हें शरण देने से इनकार करता है.

यह समूह पाकिस्तान में सैन्य प्रतिष्ठान और नागरिकों दोनों को निशाना बनाकर कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है.

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