काहिरा, 20 नवंबर . मिस्र एल-दबा न्यूक्लियर पावर प्लांट के निर्माण के पहले चरण को निर्धारित समय पर पूरा करना चाहता है. प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली का कहना है कि यह प्रोजेक्ट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. इसका निर्माण रूस के राज्य परमाणु ऊर्जा निगम रोसाटॉम की मदद से किया जा रहा है.
मिस्र के मंत्रिमंडल ने एक बयान में कहा कि मदबौली ने रोसाटॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेक्सी लिखाचेव के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. मीटिंग में मिस्र और रूस के अन्य ऊर्जा अधिकारी और राजनयिक भी शामिल हुए.
मदबौली के हवाले से कहा गया कि न्यूक्लियर एनर्जी, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन का एक महत्वपूर्ण घटक है. हमारा लक्ष्य देश के ऊर्जा मिश्रण में स्वच्छ ऊर्जा की हिस्सेदारी 2030 तक 42 प्रतिशत तक बढ़ाने का है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने प्रोजेक्ट के पहले चरण को समय पर पूरा करने के लिए रूस के साथ सहयोग करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने परियोजना को मिस्र का एक रणनीतिक और महत्वपूर्ण लक्ष्य बताया.
लिखाचेव ने ‘प्रोजेक्ट के काम में तेजी लाने’ में मदद करने के लिए मिस्र सरकार के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने रूस और मिस्र के बीच ऐतिहासिक संबंधों और दशकों से चले आ रहे सहयोग पर भी प्रकाश डाला.
अगस्त के अंत में मिस्र के प्रधानमंत्री के एक बयान के अनुसार, एल-दबा न्यूक्लियर पावर प्लांट प्रोजेक्ट का पहला चरण 2028 में पूरा होने वाला है.
मिस्र के पहले परमाणु ऊर्जा स्टेशन, एल-दबा न्यूक्लियर पावर प्लांट का निर्माण जुलाई 2022 में शुरू हुआ. यह संयंत्र काहिरा से लगभग 300 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में, भूमध्यसागरीय प्रांत मटरूह में स्थित है.
यह परियोजना मिस्र और रूस के बीच एक समझौते पर आधारित है जो दिसंबर 2017 में लागू हुआ था. इसमें चार रिएक्टर यूनिट का निर्माण शामिल है. इनमें से प्रत्येक की क्षमता 1,200 मेगावाट है, जिसकी कुल लागत 28.75 बिलियन डॉलर है.
लगभग 25 बिलियन डॉलर या लागत का 85 प्रतिशत हिस्सा रूस द्वारा 22 साल के रीपेमेंट लोन के जरिए फाइनेंस किया जा रहा है, जबकि शेष 15 प्रतिशत मिस्र किश्तों में देगा.
एटम्सट्रॉयएक्सपोर्ट इस प्रोजेक्ट का रूसी जनरल कांट्रेक्टर है, जबकि मिस्र का न्यूक्लियर पावर प्लांट प्राधिकरण इसके निर्माण की देखरेख करता है.
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