सुर्खियों में मिस्र के अला अब्द अल-फत्ताह, करीब 12 साल बाद जेल से हुए रिहा

New Delhi, 23 सितंबर . मिस्र के एक्टिविस्ट अला अब्द अल-फतह को लगभग 12 साल जेल में बिताने के बाद रिहा कर दिया गया. President अब्देल-फतह अल-सिसी के क्षमादान के बाद उन्हें आजादी मिली. अला की बहन मोना सेफ ने social media साइट एक्स पर अपने भाई की अपनी मां लैला सूएफ और बहन सना सेफ के साथ एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “एक असाधारण दिन, अला अब आजाद है.”

सना सेफ ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि उनके दूसरे भाई काहिरा के बाहर नैट्रॉन जेल में इंतजार कर रहे थे, तभी उनके भाई अला घर पहुंच गए. Tuesday को भी सना ने कई पोस्ट्स के जरिए भाई की रिहाई के जश्न को सेलिब्रेट किया.

अब्द अल-फतह और पांच अन्य कैदियों के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार परिषद ने (उनके परिवारों की ओर से) President अब्देल-फतह अल-सिसी से मानवीय आधार पर क्षमादान की अपील की थी. जिस पर सिसी ने सहमति जता दी.

फतह को 2014 में एक अनधिकृत विरोध प्रदर्शन में भाग लेने और कथित तौर पर एक Police अधिकारी पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 2019 में अला को कुछ समय के लिए रिहा भी किया गया था, लेकिन उसी साल बाद में Government विरोधी प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा कार्रवाई के दौरान उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया था.

अब्द अल-फतह 2011 के ‘अरब स्प्रिंग विद्रोह’ में मिस्र के सबसे प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक थे. उनकी नजरबंदी को मिस्र में लोकतंत्र की विफलता माना गया.

उन्होंने 2011 के उस विद्रोह में भाग लिया जिसने निरंकुश पूर्व President होस्नी मुबारक को सत्ता से बेदखल कर दिया था. बाद में मानवाधिकार हनन और नागरिकों पर सैन्य मुकदमों जैसे मामलों के विरोध में भी वो सक्रिय रहे.

उन्हें पहली बार 2014 में एक अनधिकृत विरोध प्रदर्शन में भाग लेने और कथित तौर पर एक Police अधिकारी पर हमला करने के आरोप में जेल भेजा गया था, फिर 2019 की शुरुआत में रिहा कर दिया गया. बाद में उन प्रदर्शनों को लेकर हुई सुरक्षा कार्रवाई के दौरान सितंबर 2019 में उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया, और दो साल से ज्यादा समय तक प्री-ट्रायल डिटेंशन में रखने के बाद, एक अदालत ने उन्हें झूठी खबर फैलाने के लिए पांच साल की सजा सुनाई थी.

जब सितंबर 2024 में उनकी रिहाई की तारीख आई, तो अधिकारियों ने प्री ट्रायल डिटेंशन में उनके समय को गिनने से इनकार कर दिया और उन्हें 3 जनवरी, 2027 तक हिरासत में रखने का आदेश दिया था.

केआर/