काहिरा/अम्मान, 4 सितंबर . मिस्र ने इजरायल के उस दावे को खारिज कर दिया है कि उसके क्षेत्रों का इस्तेमाल गाजा पट्टी में हथियारों की तस्करी के लिए किया जाता था.
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “मिस्र इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बयानों को पूरी तरह से खारिज करता है, जिसके जरिए उन्होंने इजरायली जनता का ध्यान भटकाने के लिए संघर्ष में मिस्र का नाम घसीटने की कोशिश की थी.”
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि मिस्र क्षेत्र में शांति प्रक्रिया का नेतृत्व करने में अपनी भूमिका निभाना जारी रखेगा.
मंगलवार को जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने गाजा युद्धविराम समझौते पर मध्यस्थता के प्रयासों को कमजोर करने के उद्देश्य से नेतन्याहू के दावे की निराधार आरोप के रूप में निंदा की.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जॉर्डन इजरायल के दावे का सामना करने में मिस्र के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस मामले में मिस्र की स्थिति का समर्थन करता है. इजरायली अधिकारियों के सभी दावे “गाजा और वेस्ट बैंक पर इजरायली आक्रामकता” को सही ठहराने के “बेकार प्रयास” थे, जिसने क्षेत्र में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ा दिया है.
सोमवार को नेतन्याहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इजरायली सेनाएं “फिलाडेल्फी कॉरिडोर से पीछे नहीं हटने वाली हैं. उन्होंने दोहराया कि मिस्र से गाजा तक भविष्य में हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए को कॉरिडोर नियंत्रण में रखना महत्वपूर्ण है.
इजरायली सेना ने मई में मिस्र-गाजा सीमा पर 100 मीटर चौड़े और 14 किलोमीटर लंबे बफर जोन वाले कॉरिडोर और राफा क्रॉसिंग के फिलिस्तीनी हिस्से पर नियंत्रण कर लिया, जिससे ट्रकों का प्रवेश मिस्र से गाजा तक निलंबित हो गया.
युद्धविराम वार्ता के कई दौर के दौरान, मिस्र ने बार-बार अपनी मांग पर जोर दिया है कि इजरायली सेना फिलाडेल्फी कॉरिडोर और राफा क्रॉसिंग से पूरी तरह से हट जाए.
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एसएम /एफजेड