हेग, 6 अक्टूबर . लेबनान से लोगों को सुरक्षित निकालने के अभियान के तहत दूसरी डच फ्लाइट आइंडहोवन शहर के एयरपोर्ट पर उतरी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्लेन शनिवार को रात 9 बजे (स्थानीय समयानुसार) से ठीक पहले पहुंचा.
विमान में 170 यात्री सवार थे, जिनमें 100 से ज़्यादा डच नागरिक थे. बाकी यात्री बेल्जियम, फ्रांस, ऑस्ट्रिया और स्पेन के नागरिक थे, जिन्हें उनकी संबंधित सरकारों के अनुरोध पर लाया गया. पिछली शाम को 100 से ज्यादा डच नागरिकों के साथ पहली डच फ्लाइट शहर में उतरी थी.
डच मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस समय लेबनान से डच लोगों को वापस लाने के लिए कोई और फ्लाइट निर्धारित नहीं है. हालांकि डच विदेश मंत्रालय ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि कई सौ डच नागरिकों को निकाला जाएगा.
डच सरकार ने मिलिट्री और कमर्शियल फ्लाइट्स के साथ-साथ अन्य देशों के साथ सहयोग करके लेबनान से नीदरलैंड लौटने के इच्छुक लोगों की मदद करने की प्रतिबद्धता जताई है.
इजरायली हमले झेल रहे लेबनान से विभिन्न देश अपने-अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की कोशिश में लगे हैं. शनिवार को ही एक एयरक्राफ्ट लेबनान से 96 नागरिकों को लेकर दक्षिण कोरिया पहुंचा.
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने बताया कि केसी-330 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट प्लेन स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 12:50 बजे सेओंगनाम स्थित सोल एयर बेस पर उतरा.
अधिकारियों ने बताया कि एक लेबनानी नागरिक, जो एक दक्षिण कोरियाई नागरिक का पारिवारिक सदस्य है, प्लेन पर सवार था. सुरक्षित लाए गए लोगों में से 30 प्रतिशत से अधिक नाबालिग थे.
लेबनान में इजरायली एयर स्ट्राइक और जमीनी सैन्य अभियान जारी है. लेबनान में हालात काफी गंभीर होते जा रहे हैं. लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं.
अलजजीरा की शनिवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश भर में इजरायल के हमलों में अब तक 2,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें 127 बच्चे और 261 महिलाएं शामिल हैं.
इजरायली हमलों के बाद से कई देशों ने अपने नागरिकों से लेबनान को तुरंत छोड़ देने की अपील की है.
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