ईडी का मकसद विपक्षी नेताओं को बिना किसी ठोस सबूत के जेल में डालना : आतिशी

New Delhi, 21 जुलाई . जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक बार फिर उच्चतम न्यायालय की सख्त टिप्पणी के घेरे में आ गई है. Supreme court ने Monday को एक मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की कार्यप्रणाली और उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए.

कोर्ट ने कहा कि ईडी राजनीतिक हथियार बनती जा रही है और इसका इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है. इस टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि Supreme court की टिप्पणी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए बड़ा झटका है. कोर्ट की टिप्पणी से यह साफ हो गया है कि ईडी का इस्तेमाल बदले की भावना से किया जा रहा है.

आतिशी ने कहा कि इससे पहले भी Supreme court ने जांच एजेंसियों को ‘पिंजरे में बंद तोता’ बताया था और अब एक बार फिर से कोर्ट ने इन एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां विपक्षी नेताओं को बेवजह परेशान कर रही हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी के कई नेता, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं.

आप नेता ने कहा, “ईडी का मकसद है कि विपक्षी नेताओं पर पीएमएलए लगाकर उन्हें जेल में डाला जाए, बिना किसी ठोस सबूत के.”

उन्होंने दिल्ली के कथित शराब घोटाले का ज़िक्र करते हुए कहा कि ईडी ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार तो किया, लेकिन आज तक एक भी पैसा बरामद नहीं कर पाई, और सभी नेताओं को अदालत से ज़मानत मिल चुकी है. Supreme court ने हाल ही में कर्नाटक के एक मंत्री की पत्नी को भेजे गए ईडी समन पर भी सवाल उठाया. वहीं, दिल्ली के Chief Minister अरविंद केजरीवाल को जब Supreme court से ज़मानत मिली थी, तब भी अदालत ने टिप्पणी की थी कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक दुर्भावना के तहत की गई थी.

आतिशी ने यह भी कहा कि Supreme court बार-बार यह स्पष्ट कर रहा है कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग राजनीतिक हित साधने के लिए हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावों से पहले विपक्षी नेताओं पर मुकदमे तेज़ कर दिए जाते हैं और चुनाव खत्म होते ही मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.

पीकेटी/एएस