घर खरीदारों से धोखाधड़ी केस में ईडी की बड़ी कार्रवाई, बेंगलुरु और मुंबई में 10 ठिकानों पर छापेमारी

बेंगलुरु, 3 अगस्त . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई की है. बेंगलुरु और Mumbai में 10 ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे. यह छापेमारी 1 अगस्त को ओजोन अर्बाना इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके मैनेजमेंट से जुड़े लोगों के खिलाफ की गई.

प्रवर्तन निदेशालय के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चलाया. इस ग्रुप से जुड़े ठिकानों और मुख्य प्रमोटर सत्यमूर्ति वासुदेवन के खिलाफ Mumbai और बेंगलुरु में छापा मारा गया. तलाशी के दौरान प्रोजेक्ट फंड की हेराफेरी और उसके दुरुपयोग से संबंधित कई दस्तावेज अलग-अलग ठिकानों से हाथ लगे.

ईडी ने यह जांच कर्नाटक के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में कंपनी और उसके प्रमोटर के खिलाफ दर्ज First Information Report के आधार पर शुरू की थी. इन First Information Report में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए गए.

पीएमएलए के अंतर्गत की गई जांच में यह सामने आया कि कंपनी और उसके मैनेजमेंट ने बेंगलुरु के देवनहल्ली इलाके में ‘ओजोन अर्बाना’ प्रोजेक्ट शुरू किया था. इसमें निवेश करने के लिए सैकड़ों खरीदारों को धोखे में रखकर उनसे धन वसूला और बाद में उन्हें वादे के अनुसार फ्लैट भी उपलब्ध नहीं कराए गए.

कंपनी ने घर खरीदारों को बहकाकर और परियोजना पूरी होने तक बैंकों के लोन की ईएमआई चुकाने का वादा करके पैसे वसूले. खरीदारों से कहा गया कि कंपनी बैंक लोन की ईएमआई का भुगतान करेगी.

साथ ही, बायबैक स्कीम और 2एक्स स्कीम जैसे कई आकर्षक ऑफर देकर भारी छूट का लालच भी दिया गया. हालांकि, परियोजना को पूरा करने के लिए खरीदारों से वसूला गया पैसा प्रमोटरों ने दूसरे प्रोजेक्ट और कंपनियों के लिए ट्रांसफर कर दिया.

इस इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्रोजेक्ट को साल 2018 में खरीददारों को सौंपा जाना था, लेकिन 2024 तक सिर्फ 49 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ. कंपनी न तो प्रोजेक्ट सौंप सकी और न ही खरीदारों को उनका पैसा वापस किया. जांच के दौरान कुछ फ्लैटों की दोहरी बिक्री से संबंधित सबूत भी बरामद किए गए हैं.

डीसीएच/