New Delhi, 31 अगस्त . Enforcement Directorate (ईडी) की स्पेशल टास्क फोर्स ने बाइकबॉट घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए), 2002 के तहत 394.42 करोड़ रुपए से अधिक की अचल और चल संपत्तियों को अटैच किया है.
ईडी ने जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, वे कमाख्या एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, कमाख्या एजुकेशनल सोसायटी, गुरु नानक चैरिटेबल ट्रस्ट, अल्पाइन टेक्निकल एजुकेशन सोसायटी, एपी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट और मीना आनंद के नाम पर पाई गईं. ईडी की जांच में सामने आया कि जीआईपीएल और इसके प्रमोटर संजय भाटी ने ‘बाइकबॉट’ नामक बाइक टैक्सी सेवा के नाम पर लोगों को निवेश का लालच दिया.
दरअसल, कंपनी ने योजना बनाई थी कि कोई भी ग्राहक 1, 3, 5 या 7 बाइक्स में निवेश कर सकता है. इसके बाद, कंपनी उन बाइक्स को चलाकर निवेशक को मासिक किराया, ईएमआई, बोनस और रेफरल पर अतिरिक्त इंसेंटिव देगी. निवेशकों को आकर्षित करने के लिए फ्रेंचाइजी भी दी गईं, लेकिन हकीकत यह थी कि अधिकांश शहरों में बाइक टैक्सी सेवा कभी शुरू ही नहीं हुई.
ईडी की जांच से यह भी खुलासा हुआ कि निवेशकों से जुटाई गई रकम को संबंधित कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया और बाद में शैक्षिक ट्रस्ट, सोसायटी और व्यक्तियों के माध्यम से उपयोग किया गया. इस पैसे से मेरठ में कई अचल संपत्तियां खरीदी गईं और बैंकों से पहले से गिरवी रखी जमीनों को छुड़ाया गया.
ईडी ने इस मामले में कुल 394.42 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अटैच किया है. इसमें अचल संपत्तियां और गिरवी छुड़ाई गई जमीन शामिल हैं, जिनका मूल्य लगभग ₹20.49 करोड़ है. इसके अलावा, अपराध के समय मूल्यांकन की गई संपत्तियों का मूल्य लगभग ₹389.30 करोड़ आंका गया है. इसके साथ ही, 5.12 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट भी अटैच की गई हैं.
इससे पहले भी ईडी ने तीन अस्थायी अटैचमेंट आदेशों (20 जुलाई 2020, 4 अक्टूबर 2021 और 10 मई 2024) के जरिए 220.78 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच कर चुकी है.
अब तक 27 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत और 3 सप्लीमेंट्री शिकायतें गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत में दाखिल की जा चुकी हैं, जिन पर अदालत संज्ञान ले चुकी है. ईडी ने 20 दिसंबर 2020 और 20 जुलाई 2023 को कई स्थानों पर छापेमारी कर डिजिटल सबूत और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए थे. इस मामले की ईडी की जांच अभी भी जारी है.
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पीएसके