मिजोरम पुलिस की एफआईआर पर ईडी का एक्शन, ड्रग्स और कैश फ्लो की जांच जारी

New Delhi, 27 नवंबर . डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में मिजोरम, असम और Gujarat में कई जगहों पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत आइजोल सब-जोनल ऑफिस ने की है.

यह पूरी जांच मिजोरम Police की उस First Information Report पर आधारित है, जिसमें 6 लोगों से 4.724 किलोग्राम हेरोइन और 1 करोड़ 41 लाख रुपए से ज्यादा नकद बरामद किए गए थे. मामला सीधे तौर पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट से जुड़ा है, इसलिए ईडी ने पैसों के लेन-देन और ड्रग्स नेटवर्क की पूरी जांच शुरू की.

गिरफ्तार लोगों के फाइनेंशियल एनालिसिस से मिजोरम की फर्मों और Gujarat की फर्मों के बीच फाइनेंशियल लिंक का पता चला. Gujarat स्थित फर्मों ने मिजोरम स्थित फर्मों को स्यूडोएफेड्रिन टैबलेट (एनडीपीएस-आरसीएस ऑर्डर 2013 में अनुसूची-ए, बी, सी पदार्थ) और कैफीन एनहाइड्रस (मेथामफेटामाइन टैबलेट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला प्री-प्रीकर्सर) की आपूर्ति की, जिनके ड्रग तस्करों से संबंध हैं, जो चम्फाई, मिजोरम के आदतन अपराधियों के माध्यम से तस्करी और हवाला लेनदेन करते हैं.

मिजोरम स्थित फर्मों के कोलकाता स्थित शेल संस्थाओं के साथ वित्तीय संबंध भी पाए गए हैं, जिन्होंने कैफीन एनहाइड्रस की उक्त खेप खरीदी थी. इन शेल कंपनियों ने भी कैफीन एनहाइड्रस की बड़ी खेप खरीदी थी, जो आगे ड्रग तैयार करने में इस्तेमाल होती है.

ईडी का कहना है कि मेथामफेटामाइन के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले प्रीकर्सर को India से म्यांमार तक अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के माध्यम से ले जाया जाता है, जहां उनका निर्माण होता है.

जांच में एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि असम, मिजोरम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और दिल्ली में मौजूद नार्को हवाला ऑपरेटरों के बैंक अकाउंट में करीब 52.8 करोड़ रुपए जमा हुए हैं. ये सारे कैश डिपॉजिट ड्रग्स की बिक्री और तस्करी से कमाए गए पैसों के ही हिस्से बताए जा रहे हैं. ईडी अब इन ऑपरेटरों के स्टेटमेंट और लेन-देन की गहराई से जांच कर रहा है.

छापेमारी के दौरान ईडी को डिजिटल डिवाइसेस, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और करीब 35 लाख रुपए कैश भी मिले हैं. सभी बरामद सामानों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क की असली तस्वीर सामने आ सके.

पीआईएम/एबीएम