चेन्नई, 7 सितंबर . अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी 17 सितंबर को तमिलनाडु के धर्मपुरी से अपनी राज्यव्यापी यात्रा का पांचवां चरण ‘मक्कलाई कप्पोम थमिझागथाई मीटपोम’ शुरू करने के लिए तैयार हैं.
दस दिवसीय यह अभियान कई जिलों से होते हुए 26 सितंबर को करूर जिले के कुलीथलाई में समाप्त होगा.
यात्रा के इस चरण में, पलानीस्वामी अपने प्रचार वाहन से धर्मपुरी, नमक्कल, नीलगिरी, डिंडीगुल और करूर जिलों में 19 जनसभाएं करेंगे.
अन्नाद्रमुक मुख्यालय की ओर से जारी एक घोषणा के अनुसार, इन क्षेत्रों के पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को समर्थकों को संगठित करने और कार्यक्रमों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
इस साल की शुरुआत में अभियान शुरू करने के बाद से, पलानीस्वामी तमिलनाडु भर में लगभग 150 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं.
उनकी रैलियों में लगातार बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं, जो सत्तारूढ़ द्रमुक के एक मजबूत विकल्प के रूप में अन्नाद्रमुक को स्थापित करने के उनके प्रयास को दिखाता है.
यात्रा का पहला चरण फरवरी में उनके गृह क्षेत्र सलेम से शुरू हुआ था, जहां पलानीस्वामी ने “लोगों की रक्षा करने और तमिलनाडु को द्रमुक के कुशासन से मुक्त कराने” का वादा किया था.
इस चरण में उन्होंने इरोड, तिरुप्पुर और कोयंबटूर सहित पश्चिमी जिलों का दौरा किया. मार्च में शुरू हुए दूसरे चरण में तंजावुर, तिरुवरूर और नागपट्टिनम के डेल्टा क्षेत्र शामिल थे, जहां उन्होंने किसानों की शिकायतों को उजागर किया और राज्य द्वारा कृषि एवं जल प्रबंधन के संचालन की आलोचना की.
तीसरे चरण में, पलानीस्वामी ने वेल्लोर, तिरुवन्नामलाई और कांचीपुरम जैसे उत्तरी जिलों में प्रचार किया, द्रमुक पर चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया और मतदाताओं से “अन्नाद्रमुक के विकास और कल्याणकारी शासन को बहाल करने” का आह्वान किया.
चौथा चरण दक्षिणी तमिलनाडु पर केंद्रित था, जहां पलानीस्वामी ने मदुरै, थेनी, विरुधुनगर और तिरुनेलवेली जिलों का दौरा किया और पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा शुरू की गई जन-हितैषी योजनाओं को वापस लाने का अपना संकल्प दोहराया.
प्रत्येक चरण के साथ, पलानीस्वामी ने पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने, अन्नाद्रमुक के समर्थन आधार को मजबूत करने और खुद को पार्टी के निर्विवाद नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की है.
उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि 2026 के चुनाव तमिलनाडु के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ होंगे. उन्होंने अन्नाद्रमुक को सत्ता में वापस लाने और राज्य को “समृद्धि और विकास की ओर” ले जाने का संकल्प लिया है.
17 सितंबर से शुरू होने वाले पांचवें चरण पर कड़ी नजर रखी जाएगी, क्योंकि यह धर्मपुरी, नमक्कल और पश्चिमी क्षेत्र में अन्नाद्रमुक की संगठनात्मक ताकत का परीक्षण करेगा, जो पार्टी के पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले क्षेत्र हैं.
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एससीएच