ईडी ने पुणे के पॉन्जी सरगना पर कार्रवाई करते हुए 24.41 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस कुर्क किया

नई दिल्ली, 5 अप्रैल . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित धन शोधन मामले में विभिन्न व्यक्तियों, संस्थाओं और फर्मों की 24.41 करोड़ रुपये की चल संपत्ति कुर्क करने का एक ‘अनंतिम’ आदेश जारी किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इन संपत्तियों का इस्तेमाल पुणे स्थित वीआईपीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और ग्लोबल एफिलिएट बिजनेस कंपनी के मालिक विनोद खुटे द्वारा किया जा रहा था.

ईडी के अनुसार, 2022 के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कुर्क की गई संपत्ति 58 बैंक खातों में 21.27 करोड़ रुपये के बैलेंस और 3.14 करोड़ रुपये के डिपॉजिट के रूप में है.

जांच एजेंसी ने पुणे के भारती विद्यापीठ थाने द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है. भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में विनोद तुकाराम खुटे, संतोष खुटे, मंगेश खुटे, किरण पीताम्बर अनारासे, अजिंक्य बदाधे और अज्ञात अन्य शामिल हैं.

इन पर लोगों को धोखा देने और उन्हें उच्च रिटर्न के वादे के साथ पोंजी स्कीम और विदेशी मुद्रा व्यापार में लुभाने की साजिश रचने का आरोप है. इसके परिणामस्वरूप कई फर्जी फर्मों और संस्थाओं के बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एकत्र हुई.

केंद्रीय एजेंसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “ईडी की जांच से पता चला है कि विनोद खुटे, जो फरार है और संदेह है कि वह वर्तमान में दुबई में रह रहा है, दुबई स्थित फर्म मेसर्स काना कैपिटल लिमिटेड के माध्यम से विभिन्न अवैध व्यापार, क्रिप्टो एक्सचेंज, वॉलेट सेवाओं और विदेशी मुद्रा व्यापार का मास्टरमाइंड है.”

जांच से पता चला है कि विनोद खुटे ने अवैध वित्तीय गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वीआईपीएसवॉलिट प्राइवेट लिमिटेड, वीआईपीएसट्रेड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, काना कैपिटल्स लिमिटेड, ग्लोबल एफिलिएट बिजनेस, वीआईपीएस सिक्योरिटीज और वीआईपीएस प्रॉपर्टीज सहित कई कंपनियों की स्थापना की.

ईडी ने कहा, “इसके अलावा, लेनदेन की अवैध प्रकृति को छिपाने के लिए निवेशकों से धन एकत्र किया गया और शेल कंपनियों तथा डमी खातों के माध्यम से भेजा गया. इसके बाद, नियामक जांच से बचने और मनी लॉन्ड्रिंग की सुविधा के लिए यूएसडीटी जैसी क्रिप्टोकरेंसी के बदले में हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से भारत से दुबई में धनराशि स्थानांतरित की गई.”

जांच एजेंसी ने आगे कहा कि अपराध की आय (अब तक की जांच के अनुसार 100 करोड़ रुपये से अधिक) का उपयोग विनोद खुटे ने अपने व्यक्तिगत उपभोग, अपनी कंपनियों के दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने, दुबई और भारत में संपत्ति अर्जित करने आदि के लिए किया.

इससे पहले, ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, जिसमें विनोद खुटे की दुबई में स्थित 37.50 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति कुर्क की गई थी. इस मामले में अब कुल कुर्की 61.91 करोड़ रुपये हो गई है.

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