ईडी ने झारखंड के एनआरएचएम घोटाले में 1.42 करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त की

रांची, 27 मार्च . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रांची जोनल कार्यालय ने झारखंड के नेशनल रूरल हेल्थ मिशन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में धनबाद निवासी आदित्य नारायण सिंह की पत्नी रामपति देवी की 1.42 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की है.

एजेंसी ने यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत की है. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से गुरुवार को आधिकारिक तौर पर जारी सूचना में बताया गया है कि अटैच की गई संपत्ति में एक दो मंजिला मकान और जमीन शामिल है.

यह मामला झारखंड में एनआरएचएम फंड से 6.97 करोड़ रुपए के गबन से जुड़ा है. इस घोटाले का किंगपिन तत्कालीन ब्लॉक अकाउंट मैनेजर प्रमोद कुमार सिंह है, जिसे 19 फरवरी को एजेंसी ने गिरफ्तार किया था.

झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने नेशनल रूरल हेल्थ मिशन में पीएचसी (प्राइमरी हेल्थ सेंटर) के लिए वर्ष 2011-12 में आवंटित 6 करोड़ 97 लाख 43 हजार रुपए से अधिक की राशि के गबन का मामला पकड़ में आने के बाद 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने वर्ष 2023 में जांच शुरू की. ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रमोद कुमार सिंह ने धनबाद के झरिया-कम-जोड़ापोखर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि भूषण प्रसाद (अब दिवंगत) के साथ मिलकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया.

आगे की जांच में यह सामने आया है कि इस घोटाले में कुल गबन की राशि बढ़कर अब 9.39 करोड़ रुपए हो गई है. मनी लॉन्ड्रिंग पर शिकंजा कसते हुए, ईडी ने जुलाई और सितंबर 2024 में प्रमोद कुमार सिंह और उसके सहयोगियों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इन छापेमारियों के दौरान विभिन्न संपत्तियां जब्त की गईं.

ईडी के अनुसार, 30 अगस्त 2024 को 1.63 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की गई थी. रामपति देवी की संपत्ति के ताजा अटैचमेंट के साथ, इस मामले में अब तक जब्त या अटैच की गई संपत्तियों की कुल कीमत 3.5 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है.

एसएनसी/एबीएम