बेंगलुरु, 15 अगस्त . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लौह अयस्क के अवैध निर्यात मामले में बड़ी कार्रवाई की है. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत ईडी ने गोवा से लेकर Mumbai और दिल्ली तक छापे मारे. इस दौरान करीब 1.68 करोड़ रुपए की नकदी और 6.75 किलोग्राम सोना जब्त किया गया है, जबकि बैंक खातों में लगभग 14.13 करोड़ रुपए की राशि सीज की गई है.
ईडी (बेंगलुरु जोनल कार्यालय) की टीम ने 13 और 14 अगस्त को कारवार (उत्तर कन्नड़), गोवा, Mumbai और New Delhi में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. यह कार्रवाई सतीश कृष्ण साइल उर्फ सतीश सैल और अन्य व्यक्तियों, संस्थाओं के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है, जिन्हें बेंगलुरु की विशेष अदालत (एमपी/एमएलए कोर्ट) ने लौह अयस्क के अवैध निर्यात के मामले में दोषी ठहराया है.
ईडी ने अदालत के दोषसिद्धि आदेश के आधार पर भारतीय दंड संहिता-1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 की कई धाराओं के तहत अपराधों के लिए जांच शुरू की.
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ईडी की जांच से पता चला कि कारवार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतीश सैल ने साल 2010 में कुछ व्यावसायिक संस्थाओं और बेलेकेरी बंदरगाह के अधिकारियों के साथ मिलीभगत से 1.25 लाख मीट्रिक टन वजन के लौह अयस्क का अवैध रूप से निर्यात किया था, जबकि यह अकोला वन विभाग के जब्ती आदेशों के अधीन था. ईडी ने बताया कि सतीश कृष्ण सैल की तरफ से किए गए अवैध निर्यात का कुल मूल्य 86.78 करोड़ रुपए था.
ईडी ने बताया कि छापेमारी के दौरान सतीश कृष्ण सैल के आवास से 1.41 करोड़ रुपए की नकदी मिली. लाल महल लिमिटेड के कार्यालय परिसर से 27 लाख रुपए की नकदी जब्त की गई. इसके अलावा, सेल परिवार के बैंक लॉकर से सोने के आभूषण और सिक्के के रूप में 6.75 किलोग्राम वजन का सोना बरामद हुआ.
ईडी ने कार्रवाई करते हुए मल्लिकार्जुन शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड, सतीश कृष्णा सेल और आशापुरा माइनकेम लिमिटेड आदि के बैंक खातों को फ्रीज किया, जिनमें लगभग 14.13 करोड़ रुपए की राशि जमा है. तलाशी के दौरान अहम दस्तावेज, ईमेल और अन्य रिकॉर्ड भी ईडी की टीम ने जब्त किए.
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डीसीएच/