लखनऊ, 13 अप्रैल . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), लखनऊ जोनल कार्यालय ने रविवार को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत दिल्ली, नोएडा और गोवा में नौ स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया.
यह कार्रवाई मेसर्स भसीन इन्फोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ग्रैंड वेनेजिया कमर्शियल टावर्स प्राइवेट लिमिटेड और उनके प्रमुख कर्मियों के परिसरों में की गई.
जांच की शुरुआत उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर पुलिस द्वारा दर्ज कई प्राथमिकियों के आधार पर की गई. मुख्य आरोपी, मेसर्स भसीन इन्फोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सतिंदर सिंह भसीन पर “ग्रैंड वेनेज़िया कमर्शियल कॉम्प्लेक्स” रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेशकों को धोखा देने का आरोप है.
एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने परियोजना के संबंध में भव्य विज्ञापन दिखाकर और झूठे वादे करके निवेशकों को लुभाया. कई लोगों से बड़ी रकम जमा करने के बावजूद, कंपनी वादे के मुताबिक वाणिज्यिक स्थानों का कब्जा देने में विफल रही. आरोप है कि निवेश की गई धनराशि का दुरुपयोग किया गया और इसे अन्य उद्देश्यों के लिए हस्तांतरित कर दिया गया.
छापेमारी के दौरान, ईडी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य डिजिटल साक्ष्य जब्त किए. इसके अलावा, कई बैंक लॉकरों की चाबियां और 30 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी भी बरामद की गई. अधिकारियों ने आरोपियों और उनकी कंपनियों से जुड़े कई संदिग्ध बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया जा रहा है और इनका प्रयोग आगे की जांच में किया जाएगा.
ईडी अधिकारी धन के स्रोत का पता लगाने और धोखाधड़ी की सीमा निर्धारित करने के लिए कंपनियों से जुड़े प्रमुख लोगों से भी पूछताछ कर सकते हैं. यह मामला रियल एस्टेट सेक्टर में धोखाधड़ी की बढ़ती जांच को रेखांकित करता है और पीएमएलए के तहत आर्थिक अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के प्रयासों को उजागर करता है. आने वाले दिनों में जांच आगे बढ़ने पर आगे की कार्रवाई की उम्मीद है.
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एफजेड/