कर्नाटक के गृह मंत्री पर ईडी की छापेमारी उचित, जांच एजेंसियां स्वतंत्र : संजय निरुपम

मुंबई, 22 मई . शिवसेना के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी पर टिप्पणी की. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कई मंत्री और नेता, जो विभिन्न संस्थाएं चलाते हैं, उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हो सकते हैं.

समाचार एजेंसी से खास बातचीत में संजय निरुपम ने कहा कि कर्नाटक के गृह मंत्री और उनसे संबंधित संस्थानों की कुछ गतिविधियां संदिग्ध और अवैध प्रतीत होती हैं. यदि जांच एजेंसियों के पास ठोस साक्ष्य हैं, तो उन्हें कानून के अनुसार पूरी स्वतंत्रता है कि वे कार्रवाई करें. कानून से कोई ऊपर नहीं है और अदालत में जो भी साक्ष्य पेश किए जाएंगे, उनके आधार पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

नक्सलवाद के मुद्दे पर बोलते हुए संजय निरुपम ने कहा कि एनडीए सरकार ने संकल्प लिया है कि अगले वर्ष तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में चल रहे अभियान के अंतर्गत माओवादी नेताओं पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. ये वही लोग हैं, जिन्होंने देश की व्यवस्था, संविधान और सुरक्षाबलों के खिलाफ विद्रोह किया है. ऐसे हिंसक विचारधारा के समर्थकों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है. निरुपम ने सरकार की कार्रवाई को न्यायोचित बताते हुए उसका समर्थन करने की अपील की.

पहलगाम हमले के एक महीने पूरे होने पर निरुपम ने कहा कि निहत्थे पर्यटकों की हत्या का बदला भारतीय सेना ने बहादुरी से लिया है. इस हमले में शामिल आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर का भाई सेना की कार्रवाई में मारा गया. सिर्फ 25 मिनट में हमारी सेना ने यह सफल ऑपरेशन कर आतंकवादियों को समाप्त किया. यह वीरता प्रशंसनीय है और हम सभी को उनकी बहादुरी को सलाम करना चाहिए. जो लोग इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं, वे अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का मनोबल बढ़ाते हैं.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रियाओं पर तंज कसते हुए संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब पूरी तरह अंदर से बिखर चुकी है. शशि थरूर, सलमान खुर्शीद और अब आनंद शर्मा द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का समर्थन इस बात का प्रमाण है. ये नेता मानते हैं कि पाकिस्तान में आतंक के अड्डों को समाप्त करने के लिए सीमित सैन्य कार्रवाई जरूरी थी और अब तक नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए जा चुके हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहा, तो भारत सरकार और भी कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी.

पीएसके/एबीएम