ईडी गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने 588.57 करोड़ की चल और अचल संपत्ति को किया कुर्क

New Delhi, 12 जुलाई . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने 10 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 588.57 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है.

यह संपत्ति मेसर्स एमटेक ऑटो लिमिटेड, मेसर्स एआरजी लिमिटेड, मेसर्स एसीआईएल लिमिटेड, मेसर्स मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड और मेसर्स कास्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के साथ-साथ प्रमोटर अरविंद धाम और अन्य से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले से संबंधित है.

कुर्की में यमुनानगर के हुंडेवाला, रतौली और कांसापुर में स्थित 28 एकड़ जमीन और हरियाणा के पंचकूला के कोट और खंगेसरा गांवों में स्थित 67.5 एकड़ जमीन के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में स्थित अन्य संपत्तियां शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, कुर्क की गई संपत्तियों में 8.70 करोड़ रुपए की सावधि जमा राशि और शेयर शामिल हैं, जिनका कुल मूल्यांकन 14.6 करोड़ रुपए है.

इसके अलावा, कुर्की में पंकज दयाल के स्वामित्व वाली कंपनी रियलटेक कंस्ट्रक्शन से जुड़े संदिग्ध लेनदेन से जुड़ी संपत्तियां भी शामिल हैं. ये लेनदेन तीसरे पक्ष की संपत्तियों से संबंधित हैं, जैसे कि पिट्टी इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयर, अन्य डीमैट बैलेंस जो एमटेक समूह के रियल एस्टेट वर्टिकल से उत्पन्न अपराध की आय के मूल्य के बराबर हैं, जिनमें एमटेक कंपनी से सीधे जुड़ी संपत्तियां भी शामिल हैं.

यह कार्रवाई 5 सितंबर 2024 को 5,115.31 करोड़ रुपए और 26 मार्च, 2025 को 557.49 करोड़ रुपए की पूर्व अनंतिम कुर्की के बाद की गई है, जिसमें पहली कुर्की की पुष्टि पीएमएलए न्यायनिर्णयन प्राधिकरण द्वारा की गई है.

इस मामले में अब कुल कुर्की राशि 6,261.37 करोड़ रुपए हो गई है. ईडी ने पहले 40 से ज्यादा ठिकानों पर तलाशी ली थी, जिसके बाद अरविंद धाम को गिरफ्तार किया गया और 6 सितंबर, 2024 को अभियोजन शिकायत दर्ज की गई.

ईडी ने 27 फरवरी 2024 को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के आधार पर जांच शुरू की. यह निर्देश मेसर्स एमटेक ऑटो समूह की कंपनियों के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए गए थे.

साथ ही, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर सीबीआई द्वारा दर्ज की गई First Information Report पर भी विचार किया गया था. इन शिकायतों में बैंक ऋणों के अवैध रूप से दुरुपयोग और बैंकों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.

इसके अलावा, सीबीआई ने आईडीबीआई बैंक की शिकायत पर 29 अप्रैल 2025 को अरविंद धाम और एमटेक ऑटो के अन्य पूर्व निदेशकों के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज की है, जिसे पंजीकृत ईसीआईआर का भी हिस्सा बनाया गया है. फिलहाल आगे की जांच जारी है.

एकेएस/एबीएम