ईडी ने एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के खिलाफ चार्जशीट की दाखिल

Mumbai , 16 अक्टूबर . यूट्यूबर एल्विश यादव और पंजाबी सिंगर फाजिलपुरिया के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. Enforcement Directorate (ईडी) ने गुरुग्राम स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इस चार्जशीट में चंडीगढ़ की कंपनी स्काई डिजिटल को भी दोषी ठहराया गया है. अदालत ने मामले को संज्ञान में लेकर दोनों आरोपितों को जल्द ही तलब करने का फैसला किया है. इसके बाद ही अदालत इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी.

ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि पंजाबी गायक फाजिलपुरिया के गाने ’32 बोर’ से करीब 52 लाख रुपये की कमाई हुई थी. इस कमाई का एक बड़ा हिस्सा बिजनौर में तीन एकड़ जमीन खरीदने में खर्च किया गया, जिसकी कीमत लगभग 50 लाख रुपये थी. साथ ही, जांच के दौरान एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के बैंक खातों से कुल तीन लाख रुपये जब्त किए गए, जबकि स्काई डिजिटल कंपनी के खाते से दो लाख रुपये जब्त किए गए. ईडी ने दोनों की करीब 55 लाख रुपये की संपत्ति भी अटैच कर ली है. यह सब उस म्यूजिक वीडियो से जुड़ा हुआ है जिसमें दोनों कलाकारों ने सांपों के साथ शूटिंग की थी.

यह मामला ‘कोबरा कांड’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसके तहत पहले भी एल्विश यादव के खिलाफ नोएडा Police ने केस दर्ज किया था. उस केस में आरोप था कि एल्विश यादव ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करते हुए सांपों का अवैध इस्तेमाल किया था. इसके अलावा, उन पर आरोप था कि उन्होंने एनसीआर क्षेत्र में रेव पार्टियों और फार्महाउसों में जिंदा सांप और उनके जहर का भी कारोबार किया. इस मामले में Police ने कड़ी जांच के बाद एल्विश यादव को गिरफ्तार भी किया था.

ईडी ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और पाया कि ’32 बोर’ गाने में इस्तेमाल सांप और अन्य वन्य जीव संरक्षित हैं, और इनका व्यावसायिक उपयोग कानून के खिलाफ है. यह वीडियो स्काई डिजिटल कंपनी द्वारा शूट किया गया था, जबकि एल्विश यादव ने इसे यूट्यूब पर प्रमोट किया था. यूट्यूब पर इस वीडियो से हुई कमाई को भी अपराध से हुई आय माना गया है, इसलिए इसे जब्त किया गया है.

गौरतलब है कि Enforcement Directorate ने सितंबर 2024 में एल्विश यादव और फाजिलपुरिया को Lucknow के जोनल कार्यालय में तलब करके पूछताछ की थी. जांच के दौरान दोनों की कमाई के स्रोत और संपत्तियों की जानकारी जुटाई गई. अब अदालत द्वारा आरोपितों को तलब किए जाने के बाद उनसे पक्ष जानने की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके बाद ही इस मामले की अगली कानूनी कार्यवाही होगी.

पीके/डीएससी