उत्तराखंड के जमीन घोटाले में ईडी ने स्पेशल कोर्ट में दायर की अभियोजन शिकायत

देहरादून, 18 जुलाई . Enforcement Directorate (ईडी) देहरादून ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत बीरेंद्र कंडारी, हरक सिंह रावत, दीप्ति रावत, लक्ष्मी राणा और पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ स्पेशल कोर्ट (पीएमएलए) देहरादून के समक्ष अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है. बीरेंद्र सिंह कंडारी हरक सिंह रावत के करीबी सहयोगी हैं.

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत देहरादून के सहसपुर में दर्ज First Information Report के आधार पर जांच शुरू की. जांच में यह पता चला है कि दीप्ति रावत पत्नी हरक सिंह रावत और लक्ष्मी सिंह राणा ने बीरेंद्र सिंह कंडारी, हरक सिंह रावत, स्वर्गीय सुशीला रानी और अन्य व्यक्तियों द्वारा रची गई साजिश के तहत जमीनों को अपने नाम पर पंजीकृत करने में कामयाबी हासिल की.

ईडी की जांच से पता चला कि अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद सुशीला रानी ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर सहसपुर में स्थित जमीनों की दो पावर ऑफ अटॉर्नी पंजीकृत की. ये जमीनें पावर ऑफ अटॉर्नी धारक बीरेंद्र सिंह कंडारी द्वारा दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह राणा को उस राशि पर बेची गईं, जो उस क्षेत्र में प्रचलित सर्किल दरों से बहुत कम थी. दीप्ति रावत द्वारा खरीदी गई जमीनें अब दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत संचालित) का हिस्सा हैं, जिसका नियंत्रण हरक सिंह रावत के परिवार और दोस्तों के पास है.

इससे पहले जनवरी 2025 में केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, जिसमें लगभग 101 बीघा जमीन को कुर्क किया गया था, जिसमें देहरादून में जमीन के 2 टुकड़े भी शामिल हैं. इसकी कीमत 6.56 करोड़ रुपए (वर्तमान मॉर्केट वैल्यू 70 करोड़ से अधिक) है.

डीकेपी/एएस