मदुरै, 13 जून . पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.के. अलागिरी के बेटे दुरई दयानिधि के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया है. उन पर ओलंपस ग्रेनाइट्स कंपनी के जरिए सरकारी जमीन से अवैध रूप से ग्रेनाइट निकालने का आरोप है, जिससे सरकार को 259 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
इस मामले में मदुरै की सीबीआई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. दुरई ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मामले से बरी होने की याचिका दायर की है.
मामला मुदरै जिले के मेलूर के कीलावलावु क्षेत्र से जुड़ा है. ओलंपस ग्रेनाइट्स और इसके हितधारकों, जिनमें दुरई दयानिधि और एस. नागराजन शामिल हैं, पर सरकारी जमीन से गैरकानूनी तरीके से ग्रेनाइट निकालने का आरोप है.
2012 में कीलावलावु पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था.
2018 में मेलूर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में 5,191 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें दुरई और नागराजन सहित कई लोगों के नाम थे.
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अलग से जांच शुरू की और दुरई की 40.34 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया, जिसमें मदुरै और चेन्नई में 25 जमीन के पार्सल, इमारतें और बैंक में सावधि जमा शामिल हैं. शुक्रवार को मदुरै की सीबीआई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.
दुरई की कानूनी टीम ने उनकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए बरी करने की मांग की.
ईडी ने कोर्ट में तर्क दिया कि दुरई को व्यक्तिगत रूप से पेश होना चाहिए. सुनवाई के बाद जज ने मामले को जल्द दोबारा सुनने का आदेश दिया.
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एसएचके/केआर