रांची, 1 मई . पूर्वी क्षेत्र अंतरराज्यीय परिषद की बैठक आगामी 10 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में झारखंड की राजधानी रांची में होगी. बैठक में झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच अंतरराज्यीय समन्वय, केंद्र-राज्यों के बीच परस्पर देनदारियों से संबंधित विषय, उग्रवाद उन्मूलन, परिसंपत्तियों के बंटवारे, नशीले पदार्थों के कारोबार पर नियंत्रण सहित कई मुद्दों पर चर्चा और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है.
चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ शीर्ष अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहेंगे. इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं. गुरुवार को रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने रांची के पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इसमें केंद्र और चारों राज्यों से आने वाले अतिथियों की सुरक्षा को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.
सूत्रों के अनुसार, झारखंड सरकार बैठक के दौरान केंद्र पर एक लाख 36 हजार करोड़ के बकाये की दावेदारी एक बार फिर मजबूती से पेश कर सकती है. मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि रिलीज करने का मुद्दा भी उठाए जाने की तैयारी है. बिहार और झारखंड के बीच विभाजन के बाद से ही लंबित चल रहे दायित्वों के पुनः निर्धारण और पेंशन संबंधी विवाद का मुद्दा भी बैठक में उठना तय माना जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के महालेखाकारों को दोनों राज्यों को पेंशन की देनदारी के वास्तविक आंकड़े जुटाने का निर्देश दिया था. दोनों राज्यों के बीच पेंशन राशि के भुगतान एवं प्राप्ति संबंधी आंकड़ों के बीच एकरूपता नहीं होने को लेकर विवाद है.
बिहार-झारखंड के बंटवारे के समय यह तय हुआ था कि उस समय तक कार्यरत सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली पेंशन में एक-तिहाई राशि का भुगतान झारखंड सरकार करेगी, जबकि दो तिहाई राशि का भुगतान बिहार करेगा. इस मद में बिहार 847 करोड़ रुपए झारखंड से मांग रहा है, जबकि झारखंड सरकार जनसंख्या के आधार पर पेंशन देनदारी तय करने की पक्षधर है. दोनों राज्यों के बीच 24 साल से यह विवाद चला आ रहा है.
झारखंड सरकार राज्य में नक्सल नियंत्रण के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के एवज में राज्य सरकार की ओर से केंद्र को राशि के भुगतान की व्यवस्था समाप्त करने की मांग भी उठा सकती है.
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एसएनसी/एकेजे