नई दिल्ली . देश में रहने के लिहाज से बड़े शहरों में बैंगलुरु और छोटे शहरों में शिमला (Shimla) सबसे बेहतर शहर है. भारत सरकारी की ओर ‘ईज ऑफ लिविंग’ (जीवन जीने की सुगमता) सूचकांक में यह जानकारी दी गई है. ‘ईज ऑफ लिविंग’ सूचकांक के तहत कुल 111 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है.
भारत सरकारी की ओर ‘ईज ऑफ लिविंग’ (जीवन जीने की सुगमता) सूचकांक में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में बैंगलुरु शीर्ष पर है. इस सूची में पुणे (Pune) दूसरे और अहमदाबाद (Ahmedabad) तीसरे स्थान पर है. इस सूची में बरेली (Bareilly), धनबाद और श्रीनगर (Srinagar) आखिरी पायदान वाले शहरों में शामिल हैं.
शहरी विकास मंत्रालय की ओर से तैयार ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 में 10 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी की बात करें, तो इसमें शिमला (Shimla) पहले स्थान पर है और बिहार (Bihar) का मुजफ्फरपुर आखिरी नंबर पर आता है. केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने इसका सर्वे कराया था. इसमें मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के एकमात्र शहर इंदौर (Indore) को 9 वां स्थान मिला है.
दस लाख से अधिक आबादी वाले शीर्ष 10 शहर : बैंगलुरु, पुणे (Pune), अहमदाबाद (Ahmedabad), चेन्नै, सूरत (Surat), नबी मुंबई (Mumbai) , कोयंबतूर, वडोदरा, इंदौर, ग्रेटर मुंबई (Mumbai) .
दस लाख से कम आबादी वाले शीर्ष 10 शहर : शिमला, भुवनेश्वर (Bhubaneswar) , सिलवासा, काकीनाडा, सलेम, वेल्लोर, गांधीनगर (Gandhinagar) , गुरुग्राम, दावणगेरे, तिरुचिरापल्ली
इन मानकों के आधार पर तैयार होती है सूची
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने कार्यकाल में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ ही ईज ऑफ लिविंग को भी बेहतर करने पर जोर दिया है, ऐसे में यह सूची बेहद अहम है. सरकार शहरी विकास पर खर्च का निर्धारण भी इसी सूची को प्राथमिकता में रखते हुए करती है. ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स पहली बार 2018 में जारी किया गया था. यह सूची सरकार, पहचान और संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, किफायती आवास, भूमि योजना, पार्क, परिवहन, जल आपूर्ति, कचरा प्रबंधन और पर्यावरण की गुणवत्ता जैसे 15 मानकों के आधार पर तैयार की जाती है.