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जकार्ता, 20 नवंबर . इंडोनेशिया के पूर्वी क्षेत्र के सेराम द्वीप पर Thursday को भूकंप के झटके महसूस किए गए. जर्मन रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर जियोलॉजी (जीएफजेड) ने सिंहुआ को बताया कि रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई.
जीएफजेड के अनुसार भूकंप की गहराई जमीन से 136 किलोमीटर नीचे थी. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है, फिर भी स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
इससे पहले 16 अक्टूबर को भी जकार्ता में भूकंप आया था. उसका केंद्र इंडोनेशिया का पापुआ प्रांत था, जहां भूकंप की तीव्रता 6.7 थी.
यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र अबेपुरा शहर से लगभग 200 किलोमीटर दूर था, जिसकी आबादी 62,000 से ज्यादा है. वहीं, इंडोनेशियाई मौसम विज्ञान विभाग, इंडोनेशियाई मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी यानी बीएमकेजी के अनुसार, भूकंप 6.6 तीव्रता का था, जो सारमी-पापुआ से 61 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में था.
विशाल द्वीप समूह वाला देश प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित है, जिस वजह से यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स टकराती हैं, और यह जापान से दक्षिण पूर्व एशिया से होते हुए प्रशांत बेसिन तक फैला रहता है.
जनवरी 2021 में सुलावेसी में आए 6.2 तीव्रता के भूकंप में 100 से अधिक लोग मारे गए थे जबकि हजारों बेघर हो गए थे. इससे पहले 2018 में पालु में 7.5 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद आई सुनामी में 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. 2004 में आचे प्रांत में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे सुनामी आई और इंडोनेशिया में 1,70,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
प्राकृतिक आपदा से लगातार इंडोनेशिया दो-चार होता रहा है. Wednesday (19 नवंबर) को ही पूर्वी जावा के लुमाजांग में सक्रिय ज्वालामुखी सेमेरू फटा. अंतारा न्यूज एजेंसी ने मिनिस्ट्री ऑफ एनर्जी एंड मिनरल रिसोर्सेज (ईएसडीएम) के हवाले से बताया कि यह विस्फोट स्थानीय समय के हिसाब से शाम 4 बजे हुआ. इंडोनेशिया का यह ज्वालामुखी सबसे घनी आबादी वाले द्वीप पर स्थित है. सेमेरू से गर्म राख और चट्टान, लावा और गैस के मिश्रण निकल कर कई बार ढलानों से सात किलोमीटर तक नीचे तक आ गए थे.
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केआर/