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वाशिंगटन, 15 नवंबर . व्हाइट हाउस ने ट्रंप प्रशासन की एच-1बी वीजा नीति का बचाव करते हुए से कहा कि एच-1बी वीजा के लिए 1 लाख डॉलर की नई फीस प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने की पहली बड़ी कड़ी है.
को दिए एक जवाब में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने कहा कि President डोनाल्ड ट्रंप ने आव्रजन कानूनों को कड़ा करने और अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देने के लिए आधुनिक इतिहास के किसी भी President से अधिक काम किया है.
उन्होंने कहा, “नए एच1बी वीजा आवेदनों के लिए आवश्यक 1,00,000 डॉलर का भुगतान इस प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है कि अमेरिकी कामगारों की जगह अब कम वेतन वाले विदेशी कामगार न आएं.”
रोजर्स ने यह भी बताया कि श्रम विभाग ने ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ नाम का अभियान शुरू किया है, जिसके तहत उन कंपनियों की जांच की जा रही है जो एच-1बी नियमों का उल्लंघन करती हैं.
रोजर्स ने आगे कहा कि Government यह सुनिश्चित कर रही है कि एच-1बी वीजा केवल उच्च कौशल वाले विशेषज्ञों के लिए उपयोग हो, न कि ऐसे कम वेतन वाले कर्मचारियों के लिए जो अमेरिकी नौकरियां छीन सकते हैं.
यह प्रतिक्रिया उस समय आई है जब कुछ दिन पहले ही President ट्रंप ने एक साक्षात्कार में कहा था कि देश में कुछ विशेष कौशल की कमी है और उन प्रतिभाओं को लाने के लिए एच-1बी वीजा जरूरी है.
जब पत्रकार ने कहा कि “हमारे पास काफी प्रतिभा है”, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “नहीं, आपके पास नहीं है.” उन्होंने कहा कि बेरोजगार लोगों को सीधे उच्च तकनीकी कामों में नहीं लगाया जा सकता.
ट्रंप की इस टिप्पणी से एक तीखी बहस छिड़ गई और प्रमुख रिपब्लिकन और रूढ़िवादी नेताओं ने वीज़ा कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की.
Friday को, रिपब्लिकन कांग्रेस सदस्य मार्जोरी टेलर ग्रीन ने कहा कि वह एक विधेयक लाएंगी, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों में एच-1बी वीजा बंद करने का प्रस्ताव होगा.
ग्रीन ने आगे कहा कि एच1बी वीजा समाप्त करने से आवास बाजार को भी मदद मिलेगी. एच1बी वीजा समाप्त होने का मतलब है अमेरिकियों के लिए पहले से ज्यादा नौकरियां और घर उपलब्ध होंगे, बशर्ते उन्हें वीजा के जरिए आने वाले लोगों और उनके इर्द-गिर्द बने सिस्टम से कंपटीशन न करना पड़े.
लेकिन वाशिंगटन के एक प्रमुख प्रवासन विशेषज्ञ ने से कहा कि ऐसा कदम “अमेरिकियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला” होगा और इससे स्वास्थ्य सेवाओं में भारी कमी आएगी.
‘थर्ड वे’ नामक संस्था की नीति निदेशक सारा पीयर्स ने से कहा कि विदेशी पेशेवरों, खासकर चिकित्सा क्षेत्र के कर्मचारियों को रोकने से कई समुदायों में स्वास्थ्य सुविधाएं रातोंरात बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगी.
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एएस/