राजारहाट, 14 अप्रैल . पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा के बाद केंद्रीय बलों की तैनाती किए जाने पर बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और प्रवक्ता नीलोत्पल कुमार पांडे ने से खास बात की. उन्होंने मुर्शिदाबाद के मौजूदा हालातों के बारे में बताया कि शुक्रवार को ही करीब दो कंपनियां मुहैया कराई गईं और जहां भी तनाव और अशांति थी, वहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और प्रवक्ता नीलोत्पल कुमार पांडे ने से बात करते हुए कहा, “शुक्रवार को जब हालात बिगड़े तो प्रशासन के अनुरोध पर हमने तुरंत बीएसएफ की तैनाती की, जहां भी संभव था, हमने अपने जवानों को तैनात किया. हमने शुक्रवार को ही करीब दो कंपनियां मुहैया कराई और जहां भी तनाव और अशांति थी, वहां उनकी तैनाती की गई. शनिवार को हालात और बिगड़े तो और अधिक जवानों को तैनात किया गया. करीब 3 से 4 कंपनियां हिंसा वाले क्षेत्रों में तैनात की गई हैं. हालात पर नियंत्रण पाने और जल्दी शांति बहाल करने के लिए हमारी 9 कंपनियां शमशेरगंज और सुंथी पुलिस स्टेशन के इलाके में तैनात हैं.”
उन्होंने आगे बताया, “शनिवार को जब हम घोषपारा, जाफराबाद समेत अन्य इलाकों में अंदर गए तो हमें हिंसा में शामिल दंगाइयों का सामना करना पड़ा. कुछ जगहों पर हमारी पार्टियों पर हर तरफ से हमला किया गया और वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया. इतना ही नहीं, जवानों पर लाठियां, पत्थर और जलती हुई बोतलें भी फेंकी गईं, इसलिए हमें उन्हें (दंगाइयों) को खदेड़ने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा.”
क्या मुर्शिदाबाद को छोड़कर बीएसएफ या किसी अन्य केंद्रीय बलों की कहीं और तैनाती की गई है. इसका जवाब देते हुए नीलोत्पल कुमार पांडे ने कहा, “हम यहां केवल पुलिस की मदद के लिए हैं, इसलिए हम अच्छे समन्वय के साथ काम कर रहे हैं. जहां तक अन्य केंद्रीय बलों की तैनाती का सवाल है तो मेरी जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ के अंतर्गत आने वाली 8 कंपनियों को तैनात किया गया है, जिनमें आरएएफ की 4 कंपनियां और सीआरपीएफ की 4 कंपनियां शामिल हैं.”
बता दें कि वक्फ संशोधन कानून के लागू हो जाने के बाद भी देश में इसके विरोध को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. वक्फ संशोधन कानून का तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. इस कानून के खिलाफ और इसके पक्ष में कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में भी डाली गई हैं. इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कई जिलों में हिंसात्मक विरोध देखने को मिला. भाजपा टीएमसी सरकार को हिंसा की जिम्मेदार ठहरा रही है.
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