‘जल जीवन मिशन’ और जल सखी की मेहनत की बदौलत गांव में पानी की समस्‍या का समाधान

बुंदेलखंड, 21 मार्च . मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में वर्षों पहले तक महिलाएं पानी के लिए घर से कई किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर थीं. यहां पर पानी की घोर समस्या थी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन (जेजेएम) द्वारा बुंदेलखंड के सैलवाड़ा गांव में आज 80 फीसदी तक पानी आ रहा है.

यहां पर पानी की टोंटी लगाई गई है. हालांकि, गांव में पानी के महत्व को समझाने के लिए ग्रामीण स्तर पर महिलाओं की जल सहेलियां भी कारगर साबित हुई है. इन सहेलियों ने गांव में घर-घर जाकर लोगों को पानी के महत्व के बारे में बताया है. जिससे गांव के लोग पानी के महत्व को समझ पाए हैं. गांव के लोग पानी की एक बूंद भी व्यर्थ नहीं होने देते हैं.

गर्मी के दिनों में बुंदेलखंड में भारी जल संकट की समस्या पैदा होती थी. लेकिन केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन और विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से आज मध्यप्रदेश के दमोह जनपद में सैलवाड़ा ग्राम में पानी की समस्या को लगभग दूर कर लिया गया है.

यहां पर पानी की उपयोगिता और उसके संरक्षण के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर वर्ष 2011 में जल सहेलियों का गठन किया गया. ग्रामीण इलाकों में जल सहेलियों का उद्देश्य जल संरक्षण और पानी की उपलब्धता को बढ़ावा देना है. इसी कड़ी में दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के अंतर्गत सैलवाड़ा ग्राम पंचायत में भी जल सहेलियां बनाई गई.

इसमें शामिल महिलाएं गांव में पानी के प्रबंधन, संरक्षण और वितरण के बारे में जानकारी देती हैं. ये जल सहेलियां ग्रामीणों को पानी के सही उपयोग के लिए जागरूक करती हैं. पुराने जलस्त्रोत में लोगों को बरसात का जल संचयन, तालाबों और जलाशयों की सफाई, और जल की बचत के तरीकों के बारे में बताती हैं.

न्यूज एजेंसी ने कुछ जल सहेलियों से बात की. मीरा रजक ने बताया कि पानी की समस्या वर्षों से है. जिसे लेकर जल सहेली का गठन 2011 में किया गया. घर-घर पानी पहुंचे इसके लिए सभी को जागरूक किया गया. लोगों को बताया कि पानी की बर्बादी पर रोक लगानी होगी.

रीना ने बताया कि सखी सहेली योजना से जुड़ने के बाद लोगों को पानी के प्रति जागरूक किया गया. नीतू साहू ने बताया कि गांव में पानी की समस्या थी. जिसे लेकर ग्रामीण परेशान थे. जल सहेलियों के गठन के बाद पानी के महत्व को लेकर अन्य लोगों को जागरूक किया गया.

बता दें कि जल जीवन मिशन (जेजेएम) का शुभारंभ पीएम मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को किया गया था. इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है. जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय केवल 3.23 करोड़ (17 प्रत‍िशत) ग्रामीण परिवारों के पास नल से जल का कनेक्शन था. जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की माताओं एवं बहनों को अपने घर के लिए पानी लाने की सदियों पुरानी मेहनत वाली प्रथा से मुक्ति दिलाना. उनके स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है. यह मिशन ‘जीवन को आसान’ बना रहा है और ग्रामीण परिवारों के लिए गौरव एवं सम्मान बढ़ा रहा है. जल जीवन मिशन अनिवार्य तत्वों के रूप में पानी के स्रोत स्थिरता उपायों को भी लागू करता है, जैसे कि घरों या कार्यालयों में गैर-शौचालय स्रोतों से निकले अपशिष्ट जल का प्रबंधन, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण एवं जल का पुन: उपयोग आदि.

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