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New Delhi, 2 नवंबर . अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि वह केवल वादों की नहीं, कार्यों की राजनीति में विश्वास रखती है. वर्षों से लंबित मांग, जेएनयू परिसर में रेलवे रिजर्वेशन काउंटर की पुनः शुरुआत, अब एबीवीपी के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप साकार होने जा रही है. विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो उनके रोजमर्रा के जीवन, यात्रा और सुविधाओं से गहराई से जुड़ी हुई है.
पिछले महीने अभाविप के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने रेल मंत्री से मुलाकात कर इस विषय पर विस्तृत ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में बताया गया कि जेएनयू के छात्र, विशेषकर दूर-दराज के इलाकों से आने वाले विद्यार्थी, रेलवे टिकट बुकिंग में लगातार कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. ऑनलाइन या एजेंट आधारित सिस्टम में तकनीकी व आर्थिक बाधाओं के चलते छात्रों के लिए एक ऑन-कैंपस रिजर्वेशन सुविधा अत्यंत आवश्यक थी. इस पहल को रेल मंत्रालय ने सकारात्मक दृष्टिकोण से लिया, और विश्वविद्यालय प्रशासन से समन्वय के बाद अब यह तय हुआ है कि जेएनयू में रेलवे रिज़र्वेशन काउंटर पुनः शुरू किया जाएगा.
यह केवल एक सेवा की बहाली नहीं, बल्कि छात्रों के संघर्षों और संगठन की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष परिणाम है. एबीवीपी ने इस विषय पर लगातार कार्य किया, मंत्रालयों से संवाद बनाए रखा, और हर स्तर पर प्रशासनिक सक्रियता से इसे आगे बढ़ाया, जो संगठन के जवाबदेह नेतृत्व और परिणामोन्मुख राजनीति का उदाहरण है.
अभाविप ने इस उपलब्धि को जेएनयू छात्र राजनीति के व्यापक परिप्रेक्ष्य में भी देखा है. संगठन का मानना है कि छात्र राजनीति का उद्देश्य केवल विचारधारा नहीं, बल्कि व्यावहारिक सुधारों के माध्यम से छात्रों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाना होना चाहिए. इसी भावना के साथ एबीवीपी ने इस वर्ष के छात्रसंघ चुनावों में अपने अभियान को एक नई दिशा दी है.
अभाविप के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विकास पटेल ने कहा, “जेएनयू की राजनीति को अब वास्तविक विकास की ओर मोड़ने का समय आ गया है. हमारा उद्देश्य छात्रों की समस्याओं का समाधान और विश्वविद्यालय को संवाद, सुविधा और सम्मान की संस्कृति में बदलना है. रेलवे काउंटर की पुनः शुरुआत अभाविप के उस वादे की गवाही है कि हम केवल बोलते नहीं, करके दिखाते हैं. इस बार हमें जेएनयू में छात्रों का पुरजोर समर्थन मिल रहा है और हम चारों सीटों पर विजय की ओर बढ़ रहे हैं.”
उपाध्यक्ष पद की प्रत्याशी तान्या कुमारी ने कहा, “यह समय है कि जेएनयू की चर्चा अब फिलिस्तीन या अमेरिका नहीं, बल्कि जेएनयू के छात्रों और उनके अधिकारों के इर्द-गिर्द हो. महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य परामर्श, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, पुस्तकालय समय का विस्तार और स्वच्छता जैसे मुद्दे हमारे प्राथमिक एजेंडा में हैं. जेएनयू में रेलवे रिजर्वेशन काउंटर का शुरू होना अभाविप की छात्र केंद्रित राजनीति और उसकी छात्र हितों के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम है.”
तान्या ने आगे कहा, “हमारी राजनीति राष्ट्रवाद की ऊष्मा और संवाद की शालीनता पर आधारित है. हम वैचारिक संघर्ष नहीं, बल्कि विचारशील समाधान की राजनीति लेकर आए हैं.”
इन उपलब्धियों और लगातार जमीनी कार्यों के कारण जेएनयू में अभाविप को छात्रों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. पूरे परिसर में छात्र समुदाय एबीवीपी के कार्यों से प्रभावित होकर खुलकर समर्थन दे रहा है. कैंपस के माहौल से स्पष्ट है कि इस बार जेएनयूएसयू चुनावों में अभाविप पूर्ण बहुमत के साथ जीतने जा रही है, और चारों सीटों पर एबीवीपी के उम्मीदवारों की जीत लगभग तय मानी जा रही है.
छात्रों के बीच यह विश्वास केवल नारों से नहीं, बल्कि काम से बना है. बीते वर्षों में एबीवीपी ने बस सुविधा, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, छात्रवृत्ति में पारदर्शिता, और विश्वविद्यालय प्रशासन में जवाबदेही जैसे मुद्दों पर निरंतर काम किया है. रेलवे रिजर्वेशन काउंटर का खुलना इस बात का प्रतीक है कि एबीवीपी की राजनीति विरोध नहीं, निर्माण पर केंद्रित है.
जेएनयू के इतिहास में यह क्षण इसलिए भी खास है क्योंकि यह दिखाता है कि जब छात्र राजनीति सेवा और समर्पण के साथ की जाती है, तो परिणाम निश्चित होते हैं. अभाविप ने यह साबित कर दिया है कि सच्चा नेतृत्व वही है जो छात्रों की आवाज़ बनकर Government तक पहुँचे और समाधान लेकर लौटे.
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डीकेपी/