नई दिल्ली, 1 नवंबर . देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर ब्लैक-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्टर और चेस्ट एवं रेस्पिरेटरी डिजीज विभाग के प्रमुख डॉ. संदीप नायर से ने खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि हर साल दिवाली के आस-पास और मौसम बदलने के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों में सांस संबंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं.
डॉ. नायर ने से बातचीत में बताया कि हाल ही में कुछ इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 700 तक पहुंच गया, जो बेहद खतरनाक है. एक्यूआई 50 से 60 तक होना चाहिए, लेकिन 700 तक एक्यूआई का पहुंचना हमारे सेहत पर गंभीर असर डालता है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण विशेष रूप से बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को अधिक प्रभावित करता है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी युवाओं की तुलना में कमजोर होती है.
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि प्रदूषण के समय बाहर जाने से बचें, खासकर जब धूल-मिट्टी ज्यादा हो. प्रदूषण फेफड़ों में जाकर रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.
उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए अच्छी हाइड्रेशन और पौष्टिक आहार का सेवन शामिल है. अगर कोई व्यक्ति ब्लड प्रेशर या सांस की दिक्कतों की दवाइयां ले रहा है, तो उसे इन्हें नियमित रूप से लेना चाहिए और साथ ही पानी और अच्छे पोषण का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने मास्क पहनने पर भी जोर दिया, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से ही लंग्स की समस्याएं हैं. कोविड-19 ने हमें मास्क पहनने की आदत सिखाई है. एन95 मास्क हानिकारक कणों से बचने में मददगार साबित हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदूषण की वजह से न केवल सांस की समस्याएं होती हैं, बल्कि यह हृदय और किडनी पर भी बुरा असर डाल सकता है. यह सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है, जिससे सिरदर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. डॉ. नायर ने लोगों से अपील की कि वे अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक एहतियात बरतें और जब तक संभव हो, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें. प्रदूषण से बचने के लिए ये उपाय बेहद महत्वपूर्ण हैं.
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पीएसके/एकेजे