नई दिल्ली, 1 जुलाई प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के कारण भारत के मोबाइल फोन निर्यात को बड़ा बूस्ट मिला है. वित्त वर्ष 24 में भारत के मोबाइल निर्यात में इजाफा हुआ है. वहीं, चीन और वियतनाम का मोबाइल निर्यात घटा है.
रेलवे, सूचना एवं प्रसारण और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत का फोकस ‘मेक इन इंडिया’ मैन्युफैक्चरिंग पर है और पीएलआई स्कीम के अच्छे नतीजे आ रहे हैं.
दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल लगातार भारत में आईफोन का प्रोडक्शन शिफ्ट कर रही है. इसमें राजनीतिक स्थिरता और इंडस्ट्री को सहयोग देने वाली सरकारी नीतियों की अहम भूमिका है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने अपना खोया हुआ आधा बाजार (40.5 प्रतिशत) चीन और वियतनाम से हासिल कर लिया है.
चीन का मोबाइल निर्यात वित्त वर्ष 24 में 132.5 अरब डॉलर था, जो कि वित्त वर्ष 23 में 136.3 अरब डॉलर था.
दूसरी ओर वियतनाम का मोबाइल निर्यात वित्त वर्ष 24 में कम होकर 26.7 अरब डॉलर रह गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 31.9 अरब डॉलर पर था.
वहीं, भारत का मोबाइल एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 24 में 16 अरब डॉलर हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 11 अरब डॉलर था.
इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 में भारत में 18,900 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का प्रोडक्शन होता था, जो कि वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 4.10 लाख करोड़ हो गया है. इसमें 2,000 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग 250 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है.
मौजूदा समय में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 125 से 130 अरब डॉलर के आसपास का है. इससे करीब 12 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है.
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एबीएस/एबीएम