केरल में तेज गर्मी से प्रत्याशी चुनाव प्रचार कार्यक्रमों में बदलाव को मजबूर

तिरुवनंतपुरम, 7 अप्रैल . तापमान बढ़ने और प्री-मॉनसून बारिश, जिसे ‘मैंगो शॉवर’ भी कहा जाता है, के बेअसर होने के कारण लोकसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को अपने प्रचार कार्यक्रमों में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

केरल में पड़ रही चिलचिलाती गर्मी 26 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले उम्मीदवारों को अपना शेड्यूल बदलने को मजबूर कर रही है.

केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं. इसके लिए सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा, कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ और भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए मुकाबले में हैं. लेकिन गर्मी ने तीनों मोर्चों को प्रचार के लिए एक समान पैटर्न अपनाने के लिए मजबूर कर दिया है.

सभी उम्मीदवार और उनकी टीमें सुबह 8 बजे से ही प्रचार अभियान में जुट जा रही हैं. दोपहर के बाद चाय के समय तक का ब्रेक होता है. इसके बाद रात तक के लिए सभी सड़कों पर वापस आ जाते हैं.

आम तौर पर मार्च में शुरू होने वाला ‘मैंगो शॉवर’ अभी तक यहां नहीं आया है, इससे उम्मीदवारों को असुविधा हो रही है.

त्रिशूर में तीव्र त्रिकोणीय लड़ाई में उलझे कांग्रेस सांसद के. करुणाकरन के बेटे के. मुरलीधरन ने कहा कि गर्मी बढ़ रही है, लेकिन उन्होंने बहुत सारे फल खाकर और ताजा जूस पीकर इस पर काबू पा लिया है.

अलाप्पुझा में सीपीआई (एम) के सदस्य ए.एम. आरिफ़ ने कहा कि सुबह-सुबह उनका वार्म-अप सत्र होता है. रमज़ान चल रहा है, वह सूर्यास्त तक रोज़ा रखते हैं और दिन के दौरान कुछ भी खाने के बारे में परेशान नहीं होते हैं.

गर्मी बढ़ने के साथ, सभी उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार प्रबंधक हर दिन मौसम की जानकारी लेते हैं और उसके अनुसार चुनाव प्रचार कार्यक्रमों की योजना बनाते हैं.

हालांकि, विज्ञापन सामग्री तैयार करने वाले बारिश न होने की खुशी मना रहे हैं.

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