बिजनौर, 31 मई . उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक रिटायर्ड नौसेना अधिकारी से 2 करोड़ 8 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. साइबर क्राइम थाना, स्वाट और सर्विलांस टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
आरोपी दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद और काशीपुर के रहने वाले हैं. पुलिस ने बताया कि इस ठगी के पीछे एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है, जिसका सरगना दुबई और हांगकांग से ऑपरेट करता है.
पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोतवाली देहात क्षेत्र के लालपुर निवासी रिटायर्ड नौसेना अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने 1 मई को साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया गया कि उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां एक महिला ने खुद को शेयर मार्केट सलाहकार बताकर निवेश के लिए प्रेरित किया. शुरुआत में छोटे निवेश पर मुनाफा दिखाकर उनका भरोसा जीता गया. इसके बाद उन्हें ‘बीएन फास्ट ट्रैक’ नामक ऐप डाउनलोड करवाया गया, जो फर्जी था. इस ऐप के डैशबोर्ड पर फर्जी मुनाफा दिखाकर उनसे 51 बार आईएमपीएस और आरटीजीएस के जरिए 2 करोड़ 8 लाख रुपए विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवाए गए. जब भूपेंद्र ने मुनाफा निकालने की कोशिश की, तो उनसे 50 लाख रुपए ब्रोकरेज के नाम पर मांगे गए. इसी दौरान उन्हें ठगी की जानकारी हुई.
पुलिस ने छह आरोपियों नासिर अली (सीलमपुर, दिल्ली), दानिश (भजनपुरा, दिल्ली), नईम अहमद (मुरादाबाद), मोहम्मद रजा हसन (लखनऊ), विराट (मुरादाबाद) और अब्दुला (काशीपुर, उत्तराखंड) को गिरफ्तार किया. इनके पास से 3 लाख रुपए नकद, 8 मोबाइल, 2 लैपटॉप, वेबकैम, चेकबुक, 13 पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज बरामद हुए. पुलिस ने 17 लाख रुपए फ्रीज करवाए हैं और 2 लाख रुपए पीड़ित के खाते में वापस कराए जा चुके हैं.
एसपी अभिषेक झा ने बताया कि आरोपी दिल्ली के होटलों से ऑपरेट करते थे और फर्जी कंपनियों के नाम पर खाते खोलते थे. ठगी की रकम को तुरंत निकालकर विदेशी खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था. नेटवर्क का सरगना चार्ल्स, शमीम और एरीज दुबई और हांगकांग से इसे संचालित करते हैं. पुलिस ने 15-16 अन्य लेनदेन की जांच शुरू की है और जल्द ही अन्य गिरफ्तारियां होने की संभावना है. आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है.
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एसएचके/एबीएम