बिहार में सूखे की आहट, अब तक 55 प्रतिशत हुई धान की रोपाई

पटना, 1 अगस्त . बिहार के कई जिलों में अब सूखे की आहट सुनाई देने लगी है. मानसून की बेरूखी से प्रदेश के किसान संकट में हैं. सावन महीने में लोगों को झमाझम बारिश का इंतजार था, लेकिन इस महीने के भी दो हफ्ते निकलने को हैं, अब तक बारिश का किसान इंतजार ही कर रहे हैं.

कई इलाकों में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में दरार पड़ रही है, इस कारण धान की रोपाई नहीं हो पाई है. आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में अब तक 55 से 60 प्रतिशत ही धान की रोपाई हो सकी है. इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार में ज्यादातर किसान धान की फसल करते हैं.

बताया जाता है कि उत्तर बिहार से ज्यादा खराब स्थिति दक्षिण बिहार की है. इस साल प्रदेश में 36 लाख 56 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. जबकि अभी तक 55 से 60 फीसदी ही धान की रोपाई हो सकी है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल 20 प्रतिशत तक धान के उत्पादन में कमी आ सकती है.

मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में जून और जुलाई के महीने में सामान्य से 37 प्रतिशत बारिश कम हुई है. बारिश कम होने से धान की रोपाई की गति सुस्त पड़ गई है. कई किसान ऐसे भी हैं जो किसी अन्य व्यवस्था से सिंचाई कर धान की रोपाई कर चुके हैं, लेकिन अब उनके सामने धान की फसल को बचाने की चिंता है.

प्रदेश के औरंगाबाद, बांका, गया, अरवल, जहानाबाद, नवादा, लखीसराय जैसे इलाकों में 12 से 40 प्रतिशत ही धान की रोपाई हो सकी है. वहीं सारण, भोजपुर, पटना जैसे जिलों में 40 से 50 प्रतिशत की रोपाई हो चुकी है.

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि 31 जुलाई तक धान की रोपाई होने के बाद धान का उत्पादन बेहतर होता है. मौसम विभाग का कहना है कि 15 जिलों में सामान्य से 20 से 40 प्रतिशत काम बारिश हुई है. हालांकि, सरकार ने किसानों को पम्प सेट से सिंचाई के लिए डीजल में अनुदान देने का निर्णय लिया है.

बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय भी मानते हैं कि कम बारिश की वजह से धान की रोपाई पिछड़ गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी समीक्षा की है. उन्होंने निर्देश दिया कि डीजल अनुदान के लिए सरकार की तरफ से जो व्यवस्था हुई है उसे तुरंत शुरू किया जाए.

पांच से छह दिन पहले सीएम से निर्देश मिला जिसके आधार पर कृषि विभाग ने डीजल अनुदान देने के लिए पोर्टल खोल दिया है और किसानों को डीजल अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

एमएनपी/एफजेड/केआर