पटना, 19 अक्टूबर . केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री ललन सिंह ने शनिवार को से खास बात की. इस दौरान उन्होंने मत्स्य विभाग में ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की सराहना की.
ललन सिंह ने पटना में ‘ड्रोन प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग और प्रदर्शन’ विषय पर आयोजित एक कार्यशाला के तकनीकी सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मत्स्य विभाग में ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में शुरू हो रहा है. अगर मछली में बीमारी का पता चलता है, तो उसके लिए दवा का छिड़काव करने में, मछली को खाना देने में इसका उपयोग होगा. उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग में पहली बार ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग शुरू हुआ है.
बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीकी और प्रत्यक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ, जिसमें सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों किसान और पशुपालन से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया.
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि बिहार में करीब 60 लाख लोग मछली उत्पादन से जुड़े हुए हैं और यह क्षेत्र किसानों की आय में वृद्धि करता है. प्रदेश में मछली उत्पादन के क्षेत्र में हुए विकास को लेकर उन्होंने सीएम नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार अब इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर है.
कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से पहले बिहार में कोई काम नहीं होता था, लेकिन उनकी सरकार ने हर क्षेत्र में सुधार करने का काम किया है. वो चाहे वह कृषि, पशुपालन या मछली पालन का ही क्षेत्र क्यों ना हो. मुख्यमंत्री ने बताया कि मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर बन गया है और यहां की मछलियां अन्य प्रदेशों में भी भेजी जा रही हैं.
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