डॉ. स्वामीनाथन ने भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के अभियान का नेतृत्व किया : पीएम मोदी

New Delhi, 7 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi ने Thursday को कहा कि डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन ने बायो-हैप्पीनेस और जलवायु-अनुकूल फसल किस्मों का विचार प्रस्तुत किया, जो बढ़ते वैश्विक जलवायु परिवर्तन और खाद्य एवं कृषि पर इसके प्रभावों से निपटने के लिए आवश्यक है.

7 अगस्त का दिन विश्व प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने 1960 के दशक में India की ‘हरित क्रांति’ की शुरुआत की थी.

राष्ट्रीय राजधानी में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, Prime Minister मोदी ने कहा कि India रत्न से सम्मानित डॉ. स्वामीनाथन एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने India को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के आंदोलन का नेतृत्व किया.

Prime Minister मोदी ने कहा, “आज, जैव विविधता पर वैश्विक चर्चा हो रही है और दुनिया भर की Governmentें इसे संरक्षित करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही हैं. लेकिन डॉ. स्वामीनाथन ने एक कदम आगे बढ़कर बायो-हैप्पीनेस का विचार प्रस्तुत किया. आज, हम यहां उसी विचार का जश्न मना रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा,”आप जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से भली-भांति परिचित हैं. हमें अधिक संख्या में जलवायु-प्रतिरोधी फसल किस्मों का विकास करने की आवश्यकता है. सूखा-सहिष्णु, हीट-रेसिस्टेंट और बाढ़-अनुकूल फसलों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.

पीएम मोदी ने क्रॉप रोटेशन विधियों पर अधिक शोध करने और यह पहचानने की आवश्यकता पर बल दिया कि कौन सी फसलें विशिष्ट मिट्टी के प्रकारों के लिए सबसे उपयुक्त हैं.

कृषि के क्षेत्र में डॉ. स्वामीनाथन के प्रयासों की सराहना करते हुए, Prime Minister मोदी ने कहा कि प्रख्यात वैज्ञानिक ने हमें सिखाया कि कृषि केवल फसलों के बारे में नहीं है, यह लोगों के जीवन के बारे में है. खेती से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा, प्रत्येक समुदाय की समृद्धि और प्रकृति की सुरक्षा हमारी Government की कृषि नीति की मुख्य शक्ति है.

अपने विचार को आगे बढ़ाते हुए, Prime Minister ने सोलर पावर्ड माइक्रो इरिगेशन के क्षेत्र में प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

उन्होंने कहा, “ड्रिप सिस्टम और सटीक सिंचाई को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाया जाना चाहिए.

उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा, “क्या हम सैटेलाइट डेटा, एआई और मशीन लर्निंग को इंटीग्रेट कर सकते हैं? क्या हम ऐसी प्रणालियां बना सकते हैं जो पैदावार का पूर्वानुमान लगा सकें, कीटों की निगरानी कर सकें और खेती के लिए वास्तविक समय में मार्गदर्शन प्रदान कर सकें? क्या ऐसी वास्तविक समय की निर्णय सहायता प्रणालियां हर जिले में उपलब्ध कराई जा सकती हैं?”

उन्होंने आगे कहा कि आपको कृषि-तकनीक स्टार्टअप्स का मार्गदर्शन भी करते रहना चाहिए.

उन्हें ‘India माता का रत्न’ कहते हुए Prime Minister मोदी ने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन ने अपने कार्यों से यह साबित किया कि विज्ञान केवल खोज के बारे में नहीं, बल्कि परिणाम देने के बारे में है.

इस कार्यक्रम में Prime Minister मोदी ने एक डाक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया.

Prime Minister खाद्य एवं शांति के लिए पहला वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज (टीडब्ल्यूएएस) एम.एस. स्वामीनाथन पुरस्कार भी प्रदान करेंगे.

एसकेटी/