नई दिल्ली . कोरोना टीकाकरण को मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस और सपा ने इसे लेकर सवाल उठाए. वैक्सीन को लेकर उठे सवाल के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर (doctor) हर्षवर्धन ने खुद मोर्चा संभाला और करारा जवाब दिया.
शशि थरूर, जयराम रमेश और अखिलेश यादव ने कहा था कि इमरजेंसी (Emergency) उपयोग के लिए अनुमोदित किए जाने से पहले ‘Covaxin’ में वैक्सीन की प्रभावशीलता दिखाने के लिए प्रभावकारिता डेटा की कमी थी. थरूर ने कहा कि कोवैक्सीन का अभी तक चरण 3 परीक्षण पूरा नहीं हुआ है. मंजूरी समय से पहले है और खतरनाक हो सकती है. डॉ.हर्षवर्धन कृपया स्पष्ट करें. इसका परीक्षण पूरा होने तक इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार (Sunday) शाम ट्वीट किया, इस तरह के एक महत्वपूर्ण मुद्दे का राजनीतिकरण करना किसी के लिए भी शर्मनाक है. शशि थरूर, अखिलेश यादव और जयराम रमेश को टैग करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, COVID19 वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए विज्ञान समर्थित प्रोटोकॉल का अच्छी तरह पालन किया गया, इसे बदनाम करने की कोशिश मत कीजिए.
जागिये और महसूस कीजिए कि आप केवल खुद को बदनाम कर रहे हैं. इससे पहले BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि जब भी देश कुछ सफलता हासिल करता है, विपक्षी पार्टी उन उपलब्धियों का मजाक उड़ाने के लिए बेबुनियाद सिद्धांतों का सहारा लेती है.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि वे स्थायी रूप से राजनीतिक हाशिये पर जाना चाहते हैं. हालांकि, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए उनकी तुलना नाजी दुष्प्रचारकों से की. नड्डा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर अपने नाकाम राजनीतिक एवं नापाक मंसूबों को हासिल करने के लिए लोगों के बीच दहशत पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
भाजपा अध्यक्ष ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को किसी भी भारतीय चीज पर गर्व नहीं है. उन्हें इस बारे में आत्मावलोकन करना चाहिए कि कोविड-19 (Covid-19) पर उनके झूठ का निहित स्वार्थ वाले समूहों द्वारा अपने एजेंडा के लिए किस तरह से इस्तेमाल किया जाएगा.
आनंद शर्मा, शशि थरूर और जयराम रमेश सहित कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सीमित उपयोग के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 (Covid-19) टीके को दी गई मंजूरी को लेकर रविवार (Sunday) को गंभीर चिंता प्रकट की थी. उन्होंने कहा कि यह कार्य ‘जल्दबाजी’ में किया गया है और खतरनाक साबित हो सकता है.
इस पर नड्डा ने कहा, हमनें बार-बार देखा है कि भारत जब कुछ सराहनीय सफलता हासिल करता है (जो लोगों के भले के लिए होता है) कांग्रेस उन उपलब्धियों का मजाक उड़ाने के लिए और उनका विरोध करने के लिए बेबुनियाद सिद्धांतों का इस्तेमाल करती है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि मंजूरी अपरिपक्व है और कोवैक्सीन के इस्तेमाल से बचना चाहिए, क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है. उन्होंने ट्वीट किया था कोवैक्सीन का अभी तक चरण 3 परीक्षण पूरा नहीं हुआ है. मंजूरी समय से पहले है और खतरनाक हो सकती है. डॉ. हर्षवर्धन कृपया स्पष्ट करें. इसका परीक्षण पूरा होने तक इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम एक ‘संवेदनशील प्रक्रिया’ है और सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और पुख्ता इंतज़ामों के बाद ही इसे शुरू करे. ये लोगों के जीवन से जुड़ा विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का खतरा नहीं उठाया जा सकता है.
Disgraceful for anyone to politicise such a critical issue.
Sh @ShashiTharoor, Sh @yadavakhilesh & Sh @Jairam_Ramesh don’t try to discredit well laid out science-backed protocols followed for approving #COVID19vaccines
Wake up & realise you are only discrediting yourselves !
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 3, 2021