जामनगर, 11 जुलाई . Gujarat के जामनगर स्थित आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) ट्रेडिशनल मेडिसिन को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए काम कर रहा है. संस्थान में ट्रेडिशनल मेडिसिन रिसर्च एंड एविडेंस यूनिट के प्रमुख डॉ. गीता कृष्ण गोपाल कृष्ण पिल्लै ने Friday को पारंपरिक चिकित्सा में India की भूमिका पर प्रकाश डाला.
डॉ. पिल्लै ने समाचार एजेंसी को बताया, “Prime Minister Narendra Modi और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के बीच चर्चा के बाद इस संस्थान को बनाया गया है. इसे इसलिए बनाया गया कि दुनिया की सभी दवाओं के व्यापक स्तर पर रिसर्च, प्रगति और इस्तेमाल की जानकारी मिले. दोनों वैश्विक नेताओं को लगता है कि पारंपरिक दवाओं का बहुत उपयोग हो रहा है, लेकिन अच्छे और सही तरीके से इसका उपयोग नहीं हो रहा है. अगर उपयोग हो भी रहा है, तो उसको उसका श्रेय नहीं मिल रहा है.”
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा काम करना बाकी है. हमने पहले इस क्षेत्र को नजरअंदाज किया. अब ऐसा नहीं होना चाहिए. दुनिया के सभी देशों को इकट्ठा करके इस पर काम करना है. India Government और डब्ल्यूएचओ चाहते हैं कि ट्रेडिशनल मेडिसिन को बढ़ावा मिल सके. इस मिशन की पूर्ति के लिए तेजी से काम हो रहा है. कई दवाओं को लेकर रिसर्च चल रही है, जिसका बहुत अच्छा रिजल्ट मिल रहा है.”
पिल्लै ने बताया कि एक ऐसी लाइब्रेरी बनाई जा रही है, जिसमें दुनिया की सभी ट्रेडिशनल मेडिसिन पर काफी रिसर्च करके उनकी जानकारी इकट्ठा की जाएगी और लोगों तक इसकी आसान पहुंच बनाने की कोशिश की जा रही है. अभी हमारा काम ग्लोबल है. India इसको सपोर्ट कर रहा है. रिसर्च सेंटर में अभी 8-9 लोग काम कर रहे हैं. अगले छह महीने में हमारी संख्या पूरी हो जाएगी, जिसमें कुछ 24 लोग होंगे. India Government हमारा नया सेंटर बनाकर दे रही है. सितंबर 2025 में हमारा दूसरा ग्लोबल समिट होने वाला है, जो दिल्ली में है. इसमें पीएम मोदी के साथ कई राज्यों के नेता मौजूद होंगे. वे कार्य की प्रगति को देखेंगे. इस समिट में दुनिया के चुनिंदा लोग आएंगे. अगले 10 साल में पूरी दुनिया में ट्रेडिशनल मेडिसिन में काफी प्रगति होगी.
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव ने कहा, “आज हम यहां अनुसंधान और आयुर्वेद के क्षेत्र में अपनी सुस्थापित प्रतिष्ठा और मान्यता का जश्न मना रहे हैं, जिसे पूरे India में इसी पहचान से जाना जाता है. संस्थान का दीक्षांत समारोह कल (Saturday को) होना है, और आज मैं संस्थान की शासी निकाय बैठक की अध्यक्षता करने के लिए यहां उपस्थित हूं. जामनगर का नाम पूरी दुनिया में आयुर्वेद के मामले में आगे है. हमारे मंत्रालय की कोशिश इसे और आगे बढ़ाने की होगी.”
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एससीएच/एकेजे