डीपीडीपी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क भारतीय व्यवसायों को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढालने में मददगार

नई दिल्ली, 31 मार्च . अगस्त 2023 में लागू डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) अधिनियम, डेटा लचीलेपन के बढ़ते महत्व और डेटा सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देता है. उद्योग जगत के नेताओं ने सोमवार को ‘विश्व बैकअप दिवस 2025’ के अवसर पर यह बात कही.

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने 2024 के पहले नौ महीनों में साइबर धोखाधड़ी के कारण 11,333 करोड़ रुपये के नुकसान की जानकारी दी.

वीम सॉफ्टवेयर के भारत और सार्क के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संदीप भांबुरे ने कहा, “यह व्यवसायों के लिए पारंपरिक डेटा बैकअप मैकेनिज्म से हटकर देखने और व्यापक डेटा लचीलापन रणनीति अपनाने का स्पष्ट आह्वान है. ‘विश्व बैकअप दिवस’ इस संदर्भ में एक रिमांइडर है.”

उन्होंने कहा कि डीपीडीपी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क भारतीय व्यवसायों को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढालने और व्यवसाय की निरंतरता सुनिश्चित करने में सक्षम बनाएगा.

लगभग 30 प्रतिशत भारतीय प्रतिदिन अपने डेटा का बैकअप लेते हैं और यह दुनिया भर में सबसे अधिक है, जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका के 27 प्रतिशत और यूके के 23 प्रतिशत से भी आगे है.

वेस्टर्न डिजिटल सर्वे के अनुसार, एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव भारत में सबसे लोकप्रिय बैकअप सॉल्यूशन में से एक है. 54 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स डेटा बैकअप के लिए एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव का इस्तेमाल करते हैं. यह भारत को इस श्रेणी में दुनिया भर में दूसरे स्थान पर रखता है, जो फ्रांस के 59 प्रतिशत से थोड़ा पीछे है.

बैराकुडा नेटवर्क्स में भारत के कंट्री मैनेजर पराग खुराना ने कहा कि ‘विश्व बैकअप दिवस’ डेटा को नुकसान और चोरी से बचाने और बैकअप करने के महत्व की याद दिलाता है.

खुराना ने बताया, “नियमित बैकअप बनाने और ऑफलाइन कॉपी रखने का यूनिवर्सल मैसेज हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है. लेकिन भारत के तेजी से डिजिटल होते परिदृश्य में बैकअप के अब कई दूसरे पहलू भी हैं, जिनके बारे में विश्व बैकअप दिवस पर विचार करना उचित है.

जैसे-जैसे उद्योगों में एआई का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, व्यवसाय एआई-संचालित निर्णय लेने और मॉडल प्रशिक्षण के लिए डेटा पर तेजी से निर्भर होते जा रहे हैं.

ओपनटेक्स्ट साइबर सिक्योरिटी के डेटा सुरक्षा, उत्पाद प्रबंधन के निदेशक ग्रेग क्लार्क ने कहा, “इस निरंतर तकनीकी प्रगति का मतलब है कि संगठन पहले से कहीं अधिक डेटा उत्पन्न और संग्रहीत कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें अपने डेटा को सक्रिय रूप से प्रबंधित करने की जरूरत है, जिसके लिए – डेटा न्यूनतमीकरण से शुरुआत करनी होगी.”

उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, संगठनों को उस डेटा के बारे में सावधान रहना चाहिए, जिसका वे बैकअप ले रहे हैं. सभी डेटा महत्वपूर्ण नहीं हैं – 33 प्रतिशत डेटा अनावश्यक, अप्रचलित या तुच्छ (आरओटी) है. अनावश्यक डेटा की पहचान कर और उसे हटाकर और आउटडेटेड एप्लीकेशन को हटाकर, व्यवसाय अपने साइबर हमलों को कम कर सकते हैं और अपनी सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं.”

एसकेटी/