डीपीडीपी एक्ट: हर निष्क्रिय यूजर का डेटा तीन साल बाद ई-कॉमर्स और सोशल मीडिया कंपनियों को करना होगा डिलीट

New Delhi, 14 नवंबर . केंद्र Government ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) एक्ट के नियमों को अधिसूचित किया है और इनके तहत अब हर निष्क्रिय यूजर का डेटा तीन साल बाद ई-कॉमर्स और social media कंपनियों को डिलीट करना होगा.

डीपीडीपी एक्ट में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, social media कंपनियों और ऑनलाइन गेमिंग फर्म आदि को कवर किया गया है.

नई गाइडलाइन के मुताबिक, डिजिटल प्लेटफॉर्म को ऐसे यूजर्स का डेटा डिलीट करना होगा, जिन्होंने तीन साल से लॉग इन या सर्विस का उपयोग न किया हो.

यह नियम 50 लाख से अधिक यूजर्स वाली ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के साथ-साथ India में दो करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स वाले social media और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी लागू होगा.

कंपनियों को ऐसे डेटा को हटाने से पहले निष्क्रिय यूजर्स को 48 घंटे का नोटिस देना होगा और उन्हें चेतावनी देनी होगी कि यदि वे तय समय सीमा के भीतर प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं करते हैं तो उनका डेटा डिलीट कर दिया जाएगा.

एक्ट में 50 लाख से अधिक यूजर्स वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए उच्च अनुपालन सीमा भी निर्धारित की गई है.

इस सीमा से अधिक यूजर्स वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को डेटा फिड्युशरीज के रूप में जाना जाता है.

यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके सिस्टम, एल्गोरिदम और प्रक्रियाएं यूजर्स अधिकारों को खतरे में न डालें, इन प्लेटफॉर्म्स को वार्षिक ऑडिट और डेटा प्रोटेक्शन प्रभाव का आकलन करना आवश्यक है. इसके अतिरिक्त, उन्हें हर साल यह भी सत्यापित करना होगा कि उनके तकनीकी उपाय सुरक्षित और अनुपालन योग्य हैं.

हालांकि, डीपीडीपी एक्ट व्यक्तिगत डेटा के सीमा-पार हस्तांतरण की अनुमति देता है, लेकिन Government ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इन हस्तांतरणों को उन नियमों का पालन करना होगा, जिनकी नियमित रूप से सूचना दी जा सकती है. यह विशेष रूप से तब लागू होता है जब यूजर्स डेटा किसी विदेशी राज्य या किसी विदेशी Government के नियंत्रण वाले संगठन को हस्तांतरित किया जाता है.

Government ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) एक्ट के नियमों को अधिसूचित किया है, जिससे India का पहला डिजिटल गोपनीयता कानून औपचारिक रूप से लागू हो गया है और यूजर्स डेटा को संभालने वाली कंपनियों के लिए अनुपालन की समय-सीमा तय हो गई है.

नए फ्रेमवर्क के तहत social media साइटों, ऑनलाइन गेटवे और व्यक्तिगत डेटा को संभालने वाले किसी भी अन्य संगठन को यूजर्स को एकत्रित की जा रही जानकारी का विस्तृत विवरण देना होगा और यह स्पष्ट करना होगा कि इसका उपयोग कैसे किया जाएगा.

एबीएस/