‘रिस्क लेने से न हटें पीछे’, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बोलीं सोनाली बेंद्रे

बेंगलुरु, 8 मार्च . कैंसर को मात देने वाली अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक खास संदेश दिया है. उन्होंने शनिवार को आधी आबादी को सीमाएं लांघकर जोखिम उठाने की सलाह दी.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर एक निजी कंपनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सोनाली बेंद्रे ने कहा कि इस साल महिला दिवस की थीम ‘एक्सेलरेट एक्शन’ है. इसका उद्देश्य महिलाओं का मार्गदर्शन कर करियर ग्रोथ में उनकी मदद कर उन्हें सशक्त बनाना है.

अभिनेत्री का मानना है कि जीवन आपको बताता है कि जितना अधिक आप जोखिम लेंगे, उतना ही अधिक आपको लाभ मिलेगा.

कैंसर से जंग जीत चुकी अभिनेत्री ने बताया कि कैंसर उनकी जिंदगी में बहुत बदलाव लाया है. कैंसर की वजह से ही वह खुद से प्रेम कर सकीं. उन्होंने कहा, “थेरेपी ने मुझे आत्म-प्रेम के बारे में सिखाया. एक महिला के रूप में हम खुद की बजाय दूसरों को प्राथमिकता देने की आदी हैं, लेकिन हम कह सकती हैं कि ऐसा नहीं करना चाहिए. मैं अपने पति, बेटे, पिता को देखती हूं, उनकी सोच काम करने को लेकर अलग है. उन्हें चीजों को करने के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं होती है.”

उन्होंने कहा, “एक महिला के रूप में जब आप कहती हैं कि मुझे यह करने की जरूरत है, लेकिन…. यह ‘लेकिन’ शब्द जीवन में एक बड़ा मुद्दा बन जाता है और इससे उबरने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है, यह हर महिला के साथ होता है. अगर आप किसी चीज को लेकर बहुत सोच रही हैं, तो आपको थेरेपी की जरूरत है, ऐसे में आपको मदद मांगनी चाहिए. यह जीवन का हिस्सा है.”

सोनाली ने कहा, “आप दुनिया को क्या दे रही हैं, आप क्या सोचती हैं? मैंने अपनी बीमारी से सीखा है कि आपको कोई सुने या न सुने, आप खुद को हमेशा सुनती हैं, शरीर आपकी बात सुन रहा है. ऐसे में आप क्या कहती हैं और क्या सोचती हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है.”

अभिनेत्री ने बताया कि उनका जीवन कैसे अचानक बदल गया. उन्होंने कहा, “मेरे बेटे के जन्म के बाद से मेरा जीवन बदल गया, मां बनने के बाद जिंदगी में काफी बदलाव आए. महिला जब गर्भवती होती है और बच्चे को जन्म देती है, तो यह जीवन बदलने वाला होता है. सोचने का तरीका तक बदल जाता है.”

सोनाली ने कैंसर के सफर पर भी रोशनी डाली. उन्होंने कहा, “मैं इसके बारे में इतना खुलकर बात नहीं करना चाहती थी. मैं एक रियलिटी शो कर रही थी और मैं हर हफ्ते स्क्रीन पर नजर आती थी. मैं इसे लेकर ज्यादा नहीं सोचती थी. मेरे विचार थे कि यह कैंसर है, हम इसे ठीक कर लेंगे और मैं जल्द नॉर्मल लाइफ में वापस आ जाऊंगी. डरावना यह था कि मुझे पता चला कि यह शुरुआती चरण नहीं था और उस वक्त आप डॉक्टर्स के चेहरे देख सकते थे. तब मेरे पति ने मुझसे कहा था कि मैं तुम्हें यहां से कहीं और इलाज के लिए ले जा रहा हूं. हालांकि, मैं दूर नहीं जाना चाहती थी, लेकिन मेरे लिए, परिवार के लिए यह जरूरी था.”

एमटी/एकेजे