डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ की वैधता पर फैसला देने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से अपील की

न्यूयॉर्क, 5 सितंबर . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी Supreme court से निचली अदालत के उस फैसले को तुरंत पलटने का अनुरोध किया है, जिसमें उनके कई व्यापक टैरिफ को अवैध पाया गया है.

यह याचिका Friday को अमेरिकी संघीय सर्किट अपील न्यायालय द्वारा 7-4 मतों से दिए गए उस फैसले के बाद आई है, जिसमें ट्रंप ने आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम के माध्यम से लगभग सभी व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लागू करके अपने अधिकार का अतिक्रमण किया था. इसमें कहा गया था कि उनका यह कदम राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और टैरिफ लगाना ‘कांग्रेस की एक प्रमुख शक्ति’ है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मई की शुरुआत में न्यूयॉर्क स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने टैरिफ को गैरकानूनी घोषित किया था.

ट्रंप प्रशासन द्वारा दायर दस्तावेजों में कहा गया है कि जून 2026 तक फैसले में देरी करने से ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है जिसमें 750 अरब से एक ट्रिलियन डॉलर तक के टैरिफ पहले ही वसूले जा चुके होंगे, और उन्हें वापस लेने से महत्वपूर्ण व्यवधान पैदा हो सकता है.

सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने Wednesday रात दायर दस्तावेज में कहा, “इस मामले में दांव इससे ज्यादा नहीं हो सकता.”

अमेरिकी व्यवसायों ने 24 अगस्त तक अमेरिकी अदालतों द्वारा अवैध माने गए टैरिफ को कवर करने के लिए 210 अरब डॉलर से अधिक का भुगतान किया है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अगर Supreme court इस फैसले को बरकरार रखता है, तो अमेरिकी वित्त मंत्रालय को एकत्रित टैरिफ राजस्व वापस करना पड़ सकता है.

ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम का इस्तेमाल व्यापारिक साझेदारों पर भारी शुल्क लगाने के लिए किया, अप्रैल में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और तर्क दिया कि व्यापार असंतुलन ने घरेलू विनिर्माण को नुकसान पहुंचाया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया है.

फिर भी, अपील अदालत ने अपने फैसले को 14 अक्टूबर तक प्रभावी होने से रोक दिया, जिससे ट्रंप को Supreme court में अपील करने का समय मिल गया.

डीकेपी/