नई दिल्ली, 5 दिसंबर . देश के कोयला व खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि देश में घरेलू कोयले का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है और इसका आयात कम किया जा रहा है. सरकार ने 2030 तक 130 मिलियन टन काेयले के उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
मोदी सरकार में मंत्री रेड्डी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देश के आर्थिक विकास में कोयले की महत्वपूर्ण भूमिका है. भारत में बिजली का मुख्य श्रोत कोयला ही है. कोयले से ही सबसे अधिक बिजली का उत्पादन होता है. इसका इस्तेमाल बिजली, स्टील, सीमेंट आदि उद्योगों में प्रमुख रूप से होता है. इन उद्योगों में प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए काेयले का उत्पादन भी बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि इस साल एक हजार मीट्रिक टन कोयले के उत्पादन की उम्मीद है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के विकास के लिए कोयले का घरेलू उत्पादन बढ़ाना बहुत जरूरी है. इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. काेयले के उत्पादन के लिए विदेशी निर्भरता भी कम की जा रही है. सभी आवश्यक उपकरणों के स्वदेशीकरण पर बल दिया जा रहा है. पुराने उपकरणों को बदला जा रहा है. नए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे कार्यक्षमता भी बढ़ेगी और स्वदेशी को बढ़ावा मिलेगा. इसके चलते रोजगार भी बढ़ेगा और युवाओं को नौकरी मिलेगी और रोजगार के साधनों का विकास होगा. इस दिशा में सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है.
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस समेत विपक्ष को देश की मीडिया पर भरोसा नहीं है. ये लोग ऐसे विदेशी मीडिया पर भरोसा करते हैं, जो भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं. भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. विपक्ष के लोग ऐसे ही दुष्प्रचार तंत्र का सहारा लेकर देश को सरकार को बदनाम करने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा कि यह मात्र संयोग नहीं है, जब-जब संसद का सत्र शुरू होता है, विदेशी मीडिया में भारत को बदनाम करने की खबरें चलने लगती हैं और हमारे देश के विपक्षी नेता उसी को आधार बनाकर हंगामा शुरू कर देते हैं. इससे जन सरोकार के मुद्दे पर सार्थक चर्चा नहीं हो पाती. जनता को ऐसे तत्वों से सावधान रहना चाहिए.
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